बहराइच, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जनपद बीते कई महीनों से जंगली जानवरों के आतंक का पर्याय बना हुआ है। यहां आदमखोर भेड़ियों के हमलों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। तो वहीं सियार भी आबादी वाले इलाकों में शिकार के लिए हमला करते रहते हैं। इन सब के बीच सबसे घातक शिकारी तेंदुओं के यहां आने से ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हैं। जंगली जानवारों की दहशत में जी रहे लोगों के लिए शुक्रवार का दिन राहत लेकर आया। यहां एक और खूंखार तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में आकर कैद हो गया।
जानकारी के मुताबिक इन दिनों बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से सटे गांवों में जंगल से भटकर आबादी क्षेत्र में जंगली जानवर शिकार के लिए पहुंच रहे हैं। इस इलाके में भेड़ियों के आतंक के बीच सियार ने भी लोगों पर हमले किए। इन सबके बीच सबसे बड़ा जंगली शिकारी तेंदुआ भी यहां के आबादी भरे ग्रामीण इलाकों में पहुंच गया। कई लोगों पर जंगलों से निकल कर आए तेंदुओं ने हमला किया। हालांकि गनीमत रही कि इस बीच लोगों की जान बच गई लेकिन तेंदुओं के हमले कम नहीं हुए। इस बीच भेड़ियों के साथ ही तेंदुओं को पकड़ने के लिए कई जगहों पर वन विभाग ने सक्रियता बढ़ाते हुए पिंजरे लगाए। बीते 10 दिनों में यहां पर दो तेंदुओं को रेस्क्यू किया गया। इसके बाद एक बार फिर यहां पर शुक्रवार तीसरा तेंदुआ पकड़ा गया है।
वन क्षेत्राधिकारी डीपी कनौजिया ने बताया कि ककरहा रेंज के धर्मपुर बेझा गांव निवासी किसान पर तेंदुआ ने हमला कर मार डाला था। जिस पर वन विभाग ने पिंजरा लगाकर वयस्क नर तेंदुआ को सोमवार को पकड़ा था। लेकिन अन्य तेंदुओं के मूवमेंट को देखते हुए इसी ग्राम पंचायत के पचासा गांव में पिंजरा लगाया गया था। जिसमें बीती देर रात करीब 12 बजे तीसरा तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ है। उसे रेंज कार्यालय लाया गया है।
डीएफओ बी शिव शंकर ने बताया कि स्वास्थ्य जांच और उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व ककरहा रेंज के धर्मपुर बेझा गांव, सुजौली रेंज के अयोध्यापुरवा में पकड़े गए तेंदुआ को जंगल में छोड़ दिया गया है।
(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा