नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे। इससे देशभर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ मिलेगा। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मत्स्य पालन व पशुपालन और डेयरी मंत्री ललन सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस तथा मृदा एवं जल संरक्षण व वाशिम और यवतमाल जिलों के संरक्षक मंत्री संजय राठौड़ उपस्थित रहेंगे।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को बताया गया कि इस कार्यक्रम में 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और देशभर के 5 लाख सामान्य सेवा केन्द्रों समेत लगभग 2.5 करोड़ किसान वेबकास्ट के माध्यम से शामिल होंगे। निधि जारी होने के दिन को पीएम-किसान उत्सव दिवस के रूप में मनाया जाएगा तथा इसके लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा 5 अक्टूबर को पीएम-किसान की 18वीं किस्त जारी होने के साथ ही इस योजना के तहत कुल संवितरण निधि 3.45 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगी। महाराष्ट्र में पीएम किसान योजना की 17 किस्तों में 1.20 करोड़ किसानों को करीब 32,000 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं। 18वीं किस्त में 91.51 लाख किसानों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा।
मंत्रालय के मुताबिक, पीएम-किसान किस्त वितरण के साथ प्रधानमंत्री नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना की 5वीं किस्त के तहत महाराष्ट्र के किसानों को लगभग 2,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी जारी करेंगे। इसके अलावा कृषि अवसंरचना को बढ़ावा देने के क्रम में नई सरकार के पहले 100 दिनों में कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत पूरी की गई विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण होगा।
साल 2020 में शुरू किया गया एआईएफ मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा है, जिसका उद्देश्य फसल-कटाई के बाद के प्रबंधन की अवसंरचना और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों का विस्तार करना है। यह योजना पात्र उधार लेने वालों को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी सुविधा के साथ एक लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करती है।
मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 100 दिनों में देशभर में 10,066 से अधिक कृषि-अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनके लिए 6,541 करोड़ रुपये अनुमोदित किये गए हैं। इनमें 97.67 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के साथ एफपीओ की 101 परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 1,929 करोड़ रुपये की कुल मंजूरी के साथ 7,516 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनका लोकार्पण किया जाएगा। इनमें 13.82 करोड़ मूल्य की 35 एफपीओ परियोजनाएं भी शामिल हैं।
भारत सरकार ने छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों का समर्थन करने क्रम में देश के प्रत्येक ब्लॉक को शामिल करते हुए 10,000 एफपीओ (अतिरिक्त पूंजी जुटाने के लिए के संगठन ) का गठन और प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) की शुरुआत की थी। इसके तहत 9,200 एफपीओ गठित किये गए हैं, जिससे 24 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं, जिनमें 8.3 लाख महिलाएं और 5.77 लाख अनुसूचित जाति (एसटी) और अनुसूचित जन जाति ( एससी) लाभार्थी शामिल हैं। इन एफपीओ का अब संयुक्त वार्षिक कारोबार 1,300 करोड़ रुपये से अधिक है।
प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप एक स्वदेशी सेक्स-सॉर्टेड सीमेन उत्पादन तकनीक का भी कार्यक्रम के दौरान शुभारंभ किया जाएगा। इस किफायती तकनीक का उद्देश्य किसानों के लिए सेक्स-सॉर्टेड सीमेन की उपलब्धता बढ़ाना है। इस तकनीक से लागत में प्रति खुराक लगभग 200 रुपये की कमी आएगी। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) द्वारा विकसित एकीकृत जीनोमिक चिप-मवेशियों के लिए ‘गौ चिप’ और भैंस के लिए ‘महिष चिप’– का भी शुभारंभ करेंगे। भारतीय नस्लों के लिए तैयार की गई यह चिप किसानों को कम उम्र में युवा, उच्च गुणवत्ता वाले बैलों की पहचान करके पशु चयन पर जानकारी आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी, जिससे भारत में पशुपालन गतिविधियों की दक्षता में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री कुसुम-सी (एमएसकेवीवाई 2.0) योजना के तहत लगभग 3,000 मेगावाट के लिए पुरस्कार पत्रों और ग्राम पंचायतों के लिए सामाजिक विकास अनुदान का ई-वितरण भी करेंगे। 19 मेगावाट की कुल क्षमता वाले पांच सौर पार्क एमएसकेवीवाई 2.0 के तहत राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे। इनमेें ढोंडलगांव, छत्रपति संभाजी नगर-3 मेगावाट, बामनी बी.के. नांदेड़ – 5 मेगावाट, कोंडगिरी, कोल्हापुर – 3 मेगावाट, जलालाबाद, अकोला – 3 मेगावाट, पालशी बी.के. बुलढाणा – 5 मेगावाट के पांच सौर पार्क शामिल हैं। ये पार्क स्थाई बिजली समाधान में योगदान देंगे, किसानों को दिन में बिजली उपलब्धता की सुविधा देंगे तथा भूमि पट्टे के माध्यम से अतिरिक्त आय का स्रोत उपलब्ध करायेंगे।
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(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह