इंदौर, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिये लगातार मुहिम जारी है। मुहिम के तहत भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों और बच्चों को रेस्क्यू कर पुनर्वासित करने की कार्रवाई की जा रही है। इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत महिला बाल विकास विभाग के सात दलों द्वारा लगातार शहर में कार्यवाही की जा रही हैं। जहां भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों को समझाईश दी जा रही है। घर जाकर परिवार वालों को भी समझाया जा रहा है। समझाइश के बाद भी भिक्षावृत्ति करने वाले भिक्षुकों को रेस्क्यू करके पुनर्वास केंन्द्रों पर रखा जा रहा है।
जनसम्पर्क अधिकारी महिपाल अजय ने बुधवार को बताया कि गत दिवस चाइल्ड हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायत के अनुसार एक होटल में रुके 11 महिलाएं एवं 11 नाबालिक बच्चे जो कि भिक्षावृत्ति करने के लिए राजस्थान से आए हुए थे, प्रशासन ने तत्काल जाकर सरवटे बस स्टैंड से उन्हें रेस्क्यू करवाया और वापस राजस्थान भेजने की व्यवस्था की। साथ ही सभी होटल, लॉज और ऐसे आश्रय स्थलों में भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बाहर से आने वाले ऐसे लोगों को जो भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं उन्हें प्रश्रय नहीं दें।
इंदौर में भिक्षावृत्ति करना प्रतिबंधित है। आगामी समय में आश्रय देने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। महिला बाल विकास की टीम विगत एक सप्ताह में अन्नपूर्णा मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, भंवर कुवा चौराहा, टावर चौराहा, कांटा फोड़ मंदिर अग्रसेन चौक, बालाजी मंदिर, खजराना गणेश मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सत्य सांई चौराहा, एलआई जी चौराहा आदि में लगातार रेस्क्यू कर लगभग 100 भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों को पुनर्वासित कर चुके हैं। सरवटे बस स्टेशन में हुई कार्यवाही के दौरान परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा, छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी तथा भगवान दास साहू एवं आशीष गोस्वामी आदि मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) तोमर