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जल्द ही और भारतीय कोच आईएसएल क्लबों की कमान संभालते दिखेंगेः थांगबोई सिंग्टो

हैदराबाद एफसी के हेड कोच थांगबोई सिंग्टो

मुम्बई, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । चुनौतियां आपकी क्षमता को सामने लाती हैं। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) लीग के आगे बढ़ने से भारतीय कोचों का विकास हुआ है, जिससे भारतीय फुटबॉल को फायदा मिला है। खुशी है कि भारतीय कोचों पर भरोसा किया जा रहा है। भारतीय कोचों को यूरोप से आने वाले कोचों से प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिल रहा है।

उक्त बातें आईएसएल के हैदराबाद फ्रेंचाइजी टीम हैदराबाद एफसी के हेड कोच थांगबोई सिंग्टो ने मंगलवार को भारतीय कोचों को मिल रही प्रमुख उपलब्धियों के विषय पर कही। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह फ्रेंचाइ़जी प्रबंधन भारतीय कोचों की क्षमताओं पर विश्वास जता रहा है, आने वाले समय में जल्द ही और अधिक भारतीय कोट आईएसएल क्लबों की कमान संभालेंगे।

सिंग्टो ने आगे कहा कि “हैदराबाद एफसी के नए मालिकों ने मुझ पर विश्वास जताया है कि मैं बतौर मुख्य कोच काम करना जारी रख सकता हूं। इससे काफी खुशी हुई है। रेनेडी सिंह, मेहराजुद्दीन वाडू, गौरमांगी सिंह और अन्य भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ियों ने अपने कोचिंग लाइसेंस हासिल कर लिए हैं। लिहाजा, भविष्य में अब आईएसएल क्लबों की कमान संभालने वाले अधिक भारतीय कोच होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।”

वहीं, अपने समकक्ष दूसरे भारतीय कोच खालिद जमील का जिक्र करते हुए थांगबोई सिंग्टो ने कहा कि जमशेदपुर एफसी ने इस सीजन के लिए खालिद जमील पर भरोसा बनाए रखा है। वर्ष 2013 में जापान में खालिद के साथ उन्होंने अपना प्रो-लाइसेंस हासिल किया था। वह एक मृदुभाषी इंसान हैं और मैदान पर अपनी क्षमता दिखाना चाहते हैं। वह एक अच्छे कोच का उदाहरण हैं।

उल्लेखनीय है कि घरेलू कोचों को आगे बढ़ाने के इरादे से आईएसएल 2024-25 सत्र के लिए नया नियम लेकर आया, जिसके अनुसार क्लबों को एएफसी प्रो लाइसेंस या समकक्ष सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले एक भारतीय को सहायक कोच नियुक्त करना होगा। इस बदलाव के कारण भारतीय कोचों को अनुभवी अंतरराष्ट्रीय मुख्य कोचों के साथ काम करने का मौका मिलेगा और उच्च स्तर पर भूमिका निभाने का अवसर प्राप्त होगा। इससे भविष्य में उनके मुख्य कोच पद पाने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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