Uttar Pradesh

शोध हल्दी के गुणों से भरपुर दर्द निवारक करक्यूमिन को बनाएगी सिकंदराबाद की कंपनी

राष्ट्रीय वनष्पति अनुसंधान संस्थान के कार्यक्रम में अतिथिगण

लखनऊ, 30 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा 83वां सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर-एनबीआरआई द्वारा दो हर्बल प्रौद्योगिकियों को हस्तांतरित किया गया। इनमें क्रोमा-3: जैवउपलब्ध करक्यूमिन और शिव भभूत शामिल हैं। इन्हें क्रमशः मेसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड, सिकंदराबाद और मेसर्स केमोल ऑर्गनाइजेसिस, नई दिल्ली को हस्तांतरित किया गया। क्रोमा-3: जैव उपलब्ध करक्यूमिन हल्दी के गुणों से भरपुर एक हर्बल न्यूट्रास्युटिकल फॉर्मूलेशन है, जबकि शिव भभूत मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से तैयार एक वैज्ञानिक रूप से मान्य उत्पाद है। करम्यूमिन दर्द निवारक के रूप में काम करेगी। समारोह में संस्थान की राजभाषा पत्रिका ‘विज्ञान वाणी’ अंक 30 वर्ष का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।

इस अवसर पर अतिथियों ने परिषद् में 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले दो कर्मचारियों एवं विगत एक वर्ष में सेवानिवृत होने वाले 09 कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। स्थापना दिवस के अवसर पर कर्मचारियों के बच्चों हेतु आयोजित विज्ञान निबंध एवं चित्रकारी प्रतियोगिता में विजयी बच्चों को भी पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इसके साथ-साथ, सीएसआईआर-एनबीआरआई की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पूनम सी सिंह की पुत्री अनिका सिंह को उच्च अध्ययन के लिए सीएसआईआर छात्रवृत्ति प्राप्त करने पर भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने हिंदी पखवाड़ा 2024 के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजताओं को भी सम्मानित किया।

डॉ प्रबोध त्रिवेदी ने कहा कि सी.एस.आई.आर. के कर्मचारियों एवं अन्य लोगों के लिए लिए ये हर्ष का दिवस है जिनके लगातार योगदान के कारण सी.एस.आई.आर. नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने इस अवसर पर युवा शक्ति का आवाहन करते हुए कहा कि देश को आगे ले जाने में युवाओं का बड़ा योगदान भी है और जिम्मेदारी भी उन्हीं की सबसे ज्यादा है, अतः हमारे युवाओं को और भी अधिक मेहनत करनी होगी।

डॉ भास्कर नारायण ने अपने संबोधन में स्थापना दिवस की बधाई देते हुए इसे पुनरावलोकन का दिन बताया जब हमें यह सोचना होता है कि क्या हमने अपने लक्ष्यों की पूर्ती हेतु संस्थान को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान किया है| उन्होंने देश के चुनावों के दौरान ऊंगली पर लगाने हेतु सी.एस.आई.आर. द्वारा विकसित की गयी अमिट स्याही का उदाहरण देते हुए कहा कि चाहे आप व्यक्तिगत रूप से कार्य करें या टीम के रूप में, आपका काम ऐसा हो जो सी.एस. आई.आर. को एक विशेष पहचान दिला सके। हिंदी पखवाड़ा समारोह के समापन को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी मातृभाषा का सम्मान करने के साथ साथ अन्य भाषाओं के सम्मान की बात कही। अंत में संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. श्रीकृष्ण तिवारी द्वारा धन्यवाद् ज्ञापन दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विधु साने के द्वारा किया गया।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय

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