– मर्चेंट बैंकर्स से जुड़े नियमों में 3 दशक बाद बदलाव के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी
नई दिल्ली, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने मर्चेंट बैंकर्स से जुड़े नियमों में बदलाव करने की कवायद शुरू कर दी है। मर्चेंट बैंकर्स के लिए 1992 में नियम बनाए गए थे। लगभग तीन दशक से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद इन नियमों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इसलिए अब समय और परिस्थिति के अनुरूप इन नियमों में बदलाव करने के लिए सेबी ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। इस कंसल्टेशन पेपर में मर्चेंट बैंकर्स के लिए कई नए नियमों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है। माना जा रहा है की कंसल्टेशन पेपर में शामिल किए गए नए नियमों को अगर लागू कर दिया गया तो 100 से अधिक मर्चेंट बैंकर्स के लाइसेंस कैंसिल हो सकते हैं।
सेबी के कंसल्टेशन पेपर में शामिल नए नियमों में इस बात का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है कि अगर मर्चेंट बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों के जरिए मर्चेंट बैंकर को एक निश्चित आय प्राप्त नहीं होती है, तो उनका लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। सेबी के कंसल्टेशन पेपर में कटेगरी-1 के मर्चेंट बैंकर्स के बारे में कहा गया है कि यदि किसी मर्चेंट बैंकर का पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान इन्वेस्टमेंट बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों से मिला राजस्व कंबाइंड आधार पर 25 करोड़ रुपये से कम रहा, तो उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नियम का प्रस्ताव इसलिए दिया गया है, क्योंकि सेबी के पास रजिस्टर्ड कई मर्चेंट बैंकर्स ऐसे भी हैं, जिनके कामकाज में इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की हिस्सेदारी काफी कम है। ऐसे मर्चेंट बैंकर सिर्फ अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाए रखने के लिए सेबी के पास अपना रजिस्ट्रेशन कर रखा है।
अभी सेबी के पास रजिस्टर्ड मर्चेंट बैंकर्स की संख्या करीब 225 है। माना जा रहा है कि कंसल्टेशन पेपर में जिन नए नियमों का प्रस्ताव किया गया है, उनके लागू हो जाने से 100 से अधिक मर्चेंट बैंकर्स के रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो सकते हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इतनी बड़ी संख्या में मर्चेंट बैंकर्स के लाइसेंस कैंसिल भी होते हैं तो उससे मार्केट के कामकाज पर अधिक असर नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सेबी के प्रस्तावित नए नियमों की वजह से जिन मर्चेंट बैंकर्स के रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने की आशंका है, वे अभी भी अधिक एक्टिव नहीं हैं।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक