ज्योतिर्मठ, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के आह्वान पर शुक्रवार को बाजार बंद व चक्का जाम रहा। नारेबाजी के साथ सरकार का पुतला दहन के बाद वक्ताओं ने जोशीमठ भू-धंसाव पीड़ितों की गत 21 माह से उपेक्षा का आरोप लगाया। चक्का जाम के दौरान दोनों ओर वाहनों के साथ हजारों तीर्थयात्री फंसे रहे।
भू-धंसाव पीड़ितों ने कहा कि जब तक शासन-प्रशासन धरातल पर कार्य शुरू करने का लिखित आश्वासन नहीं देता तब तक चक्का जाम जारी रहेगा। मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के बंद व चक्का जाम पर प्रदेश सरकार की भी नजर थी और जाम खुलवाने का दबाव भी, लेकिन भू-धंसाव पीड़ितों में सरकार की हीला-हवाली के कारण बेहद गुस्सा था। चक्का जाम व बाजार बंद में व्यापार संघ जोशीमठ व टैक्सी यूनियन जोशीमठ का पूर्ण सहयोग रहा।
मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवन चन्द्र उनियाल ने कहा कि जोशीमठ में ट्रीटमेंट कार्य शुरू कराने सहित अन्य मांगों को लेकर संगठन के लोग हर चौखट पर गए, लेकिन निराशा ही मिली और मजबूर होकर चक्का जाम व बाजार बंद का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के आग्रह पर चुनाव बहिष्कार का निर्णय वापस लिया, दिल्ली जाकर सांसद अनिल बलूनी से मिले तो उन्होंने 15 दिन के बाद अधिकारियों के साथ जोशीमठ में कैम्प कर प्रभावितों की समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। ।उनियाल ने कहा कि यदि 25 अक्टूबर तक धरातल पर कार्यों की शुरुआत नहीं हुई तो धरना-प्रदर्शन व चक्का जाम तो होगा ही, केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में जाकर वे सरकार द्वारा जोशीमठ भू-धसाव पीड़ितों के साथ किए जा रहे अन्याय से जन-जन को अवगत कराएंगे।
चक्का जाम स्थल पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने प्रभावितों को आश्वस्त करने का प्रयास किया, लेकिन पीड़ित लिखित आश्वासन चाहते थे। इस पर अपर जिलाधिकारी ने जिलाधिकारी के पत्र पर यह लिखकर आश्वस्त किया कि जिलाधिकारी 25 अक्टूबर 2024 को स्वयं सकारात्मक प्रति उत्तर के साथ मौजूद रहकर धरातल पर कार्य शुरू करने से सम्बंधित सभी जानकारी संगठन को देंगे। एसडीएम जोशीमठ सीएस बशिष्ठ ने कहा कि आज हुई वार्ता व आश्वासन का सरकारी पत्र तैयार कर वे शीघ्र ही संगठन पदाधिकारियों को भेजेंगे। इस लिखित आश्वासन के बाद चक्का जाम स्थगित किया गया।
मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के सचिव समीर डिमरी ने कहा कि संगठन के पास चक्का जाम, बाजार बंद व आमरण अनशन के अलावा अब और कोई जरिया नहीं है। यदि 25 अक्टूबर तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो फिर आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा।
(Udaipur Kiran) / प्रकाश कपरुवाण