Haryana

चुनाव प्रचार में ऑडियो-विजुअल सामग्री के लिए पहले लें एमसीएमसी की मंजूरी, खर्च में जुड़ेंगे डिजिटल प्रचार के खर्चे :विजय सिंह

खर्च पर्यवेक्षक विजय सिंहफोटो : खर्च पर्यवेक्षक विजय सिंह

सिरसा, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । विधानसभा आम चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान ऑडियो/वीडियो प्रचार सामग्री, वॉइस कॉल व बल्क आदि ऑडियो-विजुअल प्रचार के लिए जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी से मंजूरी लेनी होगी। यह खर्च मंजूरी लेने वाले प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जुड़ेगा। बगैर मंजूरी के इस प्रकार का कंटेंट किसी जनसंचार माध्यम पर प्रसारित करने पर चुनाव आयोग के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

खर्च पर्यवेक्षक ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला में गठित मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी पूरी सतर्कता के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों पर निरंतर निगरानी रख रही है। कंट्रोल रूम में एक्सपर्ट्स की टीम द्वारा लगातार टीवी, अखबार, सोशल मीडिया आदि पर चलने वाले समाचार की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि जो उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान ऑडियो/वीडियो प्रचार सामग्री, वॉइस कॉल्स व बल्क एसएमएस की सुविधा इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं उन्हें एमसीएमसी कमेटी के समक्ष निर्धारित फॉर्मेट में सर्टिफिकेशन के लिए अनुमति लेनी होगी।

नियमानुसार प्रकाशित व प्रसारित करें कंटेंट

खर्च पर्यवेक्षक विजय सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक एसएमएस भेजने व ऑडियो वीडियो प्रचार करने पर एमसीएमसी कमेटी की कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी उम्मीदवार पर व्यक्तिगत आक्षेप, किसी जाति, धर्म पर गलत टिप्पणी की गई तो संबंधित स्त्रोत का पता लगाकर उसके खिलाफ नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा की सभी प्रत्याशी मीडिया माध्यमों का इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करें व इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा जारी मीडिया से संबंधित पुस्तिका को भी अवश्य पढ़ लें।

खर्च पर्यवेक्षक विजय सिंह ने बताया कि मतदान के दिन व मतदान कसे एक दिन पूर्व राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति लेने के लिए निर्धारित फॉर्मेट में आवेदन करना होगा। इसके लिए रजिस्टर्ड राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी या फिर चुनाव लडने वाले उम्मीदवार को प्रकाशन के समय से 48 घंटे पूर्व आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ अपनी जिस सामग्री की मंजूरी प्राप्त करनी है उसकी दो डिजिटल फॉर्मेट में कॉपी जमा करवानी होगी। सर्टिफिकेशन के बाद एक कॉपी सील बंद लिफाफे में आवेदनकर्ता को वापिस की जाएगी।

खर्च पर्यवेक्षक विजय सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव से संबंधित राजनीतिक विज्ञापनों की अनुमति के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश जारी कर रखे हैं। नियमानुसार जिस सामग्री में किसी अन्य देश की बुराई, किसी समुदाय के बारे में टिप्पणी, कोई मानहानि का कंटेंट, हिंसा फैलाने वाली सामग्री, न्यायालय के अवमानना से संबंधित, राष्ट्रपति व न्यायपालिका की अखंडता से जुड़ी सामग्री, राष्ट्र की एकता व अखंडता से जुड़ी सामग्री, ऐसी कोई भी सामग्री जिसमें व्यक्ति विशेष का नाम लेते हुए आलोचना हो, एमसीएमसी में इस प्रकार के कंटेंट को सर्टिफाइड नहीं किया जाएगा।

(Udaipur Kiran) / रमेश डाबर

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