-नगर की प्रमुख समस्याओं का शासन से जल्द निराकरण करने का दिया आश्वासन
गोपेश्वर, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने ज्योतिर्मठ आपदा के कार्यों को लेकर बुधवार को मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान जिलाधिकारी ने संगठन के पदाधिकारियों को ज्योतिर्मठ की सुरक्षा के लिए शासन और प्रशासन के स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही संगठन की मांगों को शासन स्तर पर रख निस्तारित करने का भी आश्वासन दिया।
तहसील ज्योतिर्मठ में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि ज्योतिर्मठ की सुरक्षा को लेकर डीपीआर बनाई गई है। आगामी 30 वर्षो को ध्यान में रखकर ज्योतिर्मठ में सुरक्षा योजना पर काम किया जाएगा। साथ ही नगर की आवश्यकता के अनुसार ड्रेनेज और सीवर निकासी के लिये योजना की डीपीआर परीक्षण के लिए आईआईटी रुड़की भेजी गई है। जिसकी स्वीकृति मिलते ही नगर में सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान तक ज्योतिर्मठ में आपदा प्रभावित रेड जोन के 482 परिवारों में से 217 परिवारों को मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। इस दौरान उन्होंने प्रभावितों की समस्याएं सुनते हुए कहा कि जिले स्तर की समस्याओं का जल्दी ही निस्तारण किया जाएगा और शासन स्तर की समस्याओं के त्वरित निराकरण के के लिए शासन को अवगत कराया जाएगा।
बैठक में प्रभावितों की ओर से बीआरओ की ओर निर्मित नालियों का पानी दुकानों में घुसने की बात कही गई। जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को शीघ्र बीआरओ के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही नगर में प्रतिबंधित नव निर्माण को लेकर जिलाधिकारी ने एसडीएम को नव निर्माण पर अविलम्ब रोक लगाने के निर्देश दिए। प्रभावितों ने नगर के सुरक्षित क्षेत्रों में हल्के निर्माण करने की अनुमति देने, गौशाला इत्यादि परिसंपत्तियों का मूल्य निर्धारण करने, अलकनंदा नदी के तट पर चल रहे सुरक्षा कार्य की तरह धौली गंगा के तट पर भी सुरक्षा कार्य करने एवं आपदा के चलते व्यापारियों को हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि संगठन की मांगों को शासन स्तर पर रख कर जल्दी निराकरण कराया जाएगा।
इस मौके पर मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवन चंद उनियाल, सचिव समीर डिमरी, उपाध्यक्ष प्रकाश नेगी लक्ष्मण सिंह, भगवती प्रसाद नंबूदरी सहित स्थानीय लोग मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल