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केंद्रीय चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा में कहा, राज्य में निष्पक्ष मतदान कराने को प्रतिबद्ध

झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार
झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

रांची, 24 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम का दो दिवसीय दौरा मंगलवार को संपन्न हो गया है। आयोग ने कहा है कि हम राज्य में निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी रूप से विधानसभा के चुनाव कराने को प्रतिबद्ध हैं। कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग के निर्देशों का बिना किसी पक्षपात के सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राज्य सरकार, प्रशासन और कानून का अनुपालन कराने वाली एजेंसियों को इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के साथ रांची में झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव तैयारियों की विस्तृत और व्यापक समीक्षा की। झारखंड में राज्य विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी, 2025 को समाप्त होने वाला है और राज्य में 81 एसी (44 सामान्य; 09 एससी; 28 एसटी) के लिए चुनाव निर्धारित हैं।

23-24 सितंबर को आयोग के दो दिवसीय समीक्षा दौरे के दौरान राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों जैसे आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आजसू पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के प्रतिनिधि आयोग से मिलने आए। सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव 2024 के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सराहना व्यक्त की। अधिकांश दलों ने सर्वसम्मति से चुनाव प्रक्रिया में अधिक भागीदारी के लिए चुनाव कार्यक्रम तय करने से पहले अक्टूबर और नवंबर के महीने में दिवाली, छठ, दुर्गा पूजा और राज्य स्थापना दिवस जैसे विभिन्न त्योहारों पर विचार करने का अनुरोध किया। बताया गया कि छठ पूजा के दौरान राज्य के कई मतदाता यात्रा करेंगे।

कई दलों का एक चरण में चुनाव कराने का भी अनुरोध

राजनीतिक दलों ने त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने तथा समान अवसर के लिए स्थानीय नागरिक एवं पुलिस प्रशासन द्वारा गैर-पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के साथ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। संवेदनशील और ग्रामीण मतदान केन्द्रों पर उचित तैनाती के लिए सीएपीएफ और राज्य पुलिस का उचित मिश्रण, जिसकी निगरानी एक आईजी स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

सभी मतदान केन्द्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग

मतदान केन्द्रों के संबंध में, एक पक्ष ने सभी मतदान केन्द्रों पर रैम्प और पर्याप्त रोशनी की उपलब्धता के साथ-साथ बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को मतदान में प्राथमिकता देने का अनुरोध किया। मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी मतदान केंद्र आवासीय क्षेत्रों के निकट स्थापित किए जाएंगे। आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित मतदान केंद्रों के लिए पिक एंड ड्रॉप सुविधा प्रदान की जा सकती है। मतदान केंद्रों पर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक्सेसिबिलिटी ऑब्जर्वर तैनात किए जा सकते हैं।

कुछ पार्टियों ने चिंता जताई कि कुछ मामलों में एक ही परिवार के एक साथ रहने वाले सदस्यों को अलग-अलग मतदान केंद्र आवंटित कर दिए गए तथा कुछ मतदान केंद्रों पर 1500 से अधिक मतदाता हैं। प्राधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार के अनुचित उत्पीड़न से बचने के लिए, कुछ दलों ने मतदान के दिन मतदान केन्द्रों के पास मतदान डेस्क स्थापित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों और क्षेत्र के सीमांकन की आवश्यकता जताई। एक पार्टी ने मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद पिछले चुनावों में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बारे में भी चिंता जताई।

डाक मतपत्रों की गिनती की वीडियोग्राफी

अन्य मांगों में उम्मीदवारों के साथ मतदाता सूचियों को समय पर साझा करना, विकास कार्यों के लिए कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्राप्त धनराशि को चुनाव संबंधी प्रचार में लगाने पर रोक लगाना तथा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क में कमी करना शामिल है। आयोग ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उसने राजनीतिक दलों के सुझावों और चिंताओं का संज्ञान लिया है और केंद्रीय निर्वाचन आयोग राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, समावेशी, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

समीक्षा के बाद आयोग के फैसले

-50 प्रतिशत मतदान केन्द्रों में वेबकास्टिंग के आयोग के अधिदेश के अतिरिक्त, जहां भी तकनीकी रूप से संभव होगा, सभी मतदान केन्द्रों में वेबकास्टिंग की जाएगी।

-सभी मतदान केंद्रों पर रैम्प, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, व्हीलचेयर तथा बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्वयंसेवकों सहित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

-बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए मतदान में प्राथमिकता सुनिश्चित की जाएगी।

-मतदान केंद्र भूतल पर होंगे और मतदाताओं के निवास से 2 किलोमीटर के भीतर होंगे। दो किलोमीटर की सीमा से परे कुछ मतदान केंद्रों के लिए पिक एंड ड्रॉप सुविधा प्रदान की जाएगी।

-सभी संभागीय आयुक्तों को मतदान केंद्रों पर एएमएफ का आकलन करने और उसका अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

-किसी भी मतदान केन्द्र पर 1500 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।

-मतदान केन्द्र परिसर की परिधि से 200 मीटर की दूरी पर स्पष्ट सीमांकन सुनिश्चित किया जाएगा, जहां मतदान दल मतदान के दिन अपने डेस्क स्थापित कर सकें।

-डीआरआई, एनसीबी, राज्य और केंद्रीय जीएसटी, आरपीएफ, आरबीआई, राज्य पुलिस, आयकर, प्रवर्तन निदेशालय आदि जैसी लगभग 20 केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान आयोग ने प्रलोभन मुक्त चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित किया। बिना किसी लाग-लपेट के आयोग ने चुनावों में धनबल के इस्तेमाल के प्रति अपनी शून्य सहनशीलता व्यक्त की। हालांकि, सीईसी राजीव कुमार ने अधिकारियों को चुनावों के दौरान चेकिंग के नाम पर जनता को किसी भी तरह के अनुचित उत्पीड़न से बचने के लिए भी आगाह किया।

प्रवर्तन एजेंसियों को दिए निर्देश

-राज्य में अवैध शराब, नकदी और नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों को समन्वित तरीके से काम करना होगा।

-एजेंसियों को जमीनी स्तर पर वास्तविक संवेदनशीलता के साथ प्रलोभनों के प्रवाह के अपने मार्ग मानचित्रों को समन्वयित और अद्यतन करना होगा।

-एसपीएनओ समन्वित और सहक्रियात्मक कार्रवाई के लिए पुलिस, परिवहन, राज्य जीएसटी, आबकारी और वन की संयुक्त टीमों का गठन सुनिश्चित करेगा।

-पुलिस और आबकारी विभाग शराब और नशीले पदार्थों के माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे तथा व्यापक रोकथाम के लिए पिछड़े संपर्क स्थापित करेंगे।

-अंतर्राज्यीय सीमा और नाका व्यवस्था की समीक्षा करें, विशेष रूप से उन पर जो अवैध शराब और नशीली दवाओं के प्रवाह पर स्थित हैं। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार के साथ सीमा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

-अंतरराज्यीय सीमाओं पर महत्वपूर्ण जांच चौकियों पर 24×7 सीसीटीवी निगरानी तथा सूचनाओं का गंभीरतापूर्वक अनुगमन किया जाएगा।

-गांजा और अफीम की खेती और उसके विनाश पर कड़ी निगरानी के अलावा सिंथेटिक ड्रग्स की आवाजाही पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पलामू, चतरा, -हजारीबाग, लातेहार, गुमला और खूंटी जिलों में अफीम की अवैध खेती को नष्ट करने पर विशेष नजर रखी जाएगी।

-राष्ट्रीय राजमार्गों, विशेषकर झारखंड को ओडिशा और पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाले राजमार्गों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

-सड़क मार्गों के अलावा रेल और वन मार्गों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।

-प्रवर्तन एजेंसियां आपसी खुफिया जानकारी साझा करेंगी और समन्वित तरीके से काम करेंगी।

-राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति यह सुनिश्चित करेगी कि नकदी हस्तांतरण केवल निर्दिष्ट समय के दौरान निर्दिष्ट वाहनों में ही हो।

-वॉलेट के माध्यम से अवैध ऑनलाइन नकदी हस्तांतरण पर कड़ी निगरानी।

-हवाई पट्टियों और हेलीपैडों के माध्यम से माल की आवाजाही पर विशेष निगरानी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी ने चुनाव की तैयारियों का विस्तृत विवरण दिया, जिसमें एक जुलाई को अर्हता तिथि के रूप में राज्य में मतदाता सूचियों का विशेष सारांश संशोधन शामिल है। अंतिम मतदाता सूची 27 अगस्त को प्रकाशित की गई थी, जिसकी एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त दलों को निःशुल्क प्रदान की गई थी। विवरण अनुलग्नक ए में संक्षेपित हैं। आयोग ने चुनाव के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए सीईओ और एसपीएनओ के साथ कानून और व्यवस्था और बलों की आवश्यकता की विस्तार से समीक्षा की।

मतदान केंद्र : समीक्षा के दौरान मतदान केंद्रों का अवलोकन करते हुए सीईओ झारखंड ने बताया कि विधानसभा चुनाव में 20,276 स्थानों पर कुल 29,562 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें से 24,520 ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 5,042 शहरी क्षेत्रों में होंगे। प्रत्येक मतदान केंद्र पर औसतन 872 मतदाता होंगे। 1271 मतदान केन्द्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाएगा तथा 139 मतदान केन्द्रों का प्रबंधन युवाओं (युवा कर्मचारियों) द्वारा किया जाएगा, ताकि महिलाओं और युवाओं के बीच मतदान को बढ़ावा दिया जा सके। 48 मतदान केन्द्रों का संचालन दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा।

मतदान केन्द्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं : सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि राज्य भर के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए रैंप, पेयजल, शौचालय, बिजली, शेड, कुर्सियां आदि जैसी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि वे मतदाताओं और राजनीतिक दलों सहित सभी हितधारकों की सुविधा के लिए आईटी अनुप्रयोगों के एक पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करेंगे।

सीवीआईजीआईएल: यह ऐप नागरिकों को किसी भी चुनावी उल्लंघन और कदाचार की रिपोर्ट करने का अधिकार देता है। उपयोग में आसान, सहज ऐप के माध्यम से उठाई गई शिकायतों को संबोधित करने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं जो शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखता है और 100 मिनट के भीतर प्रतिक्रिया का आश्वासन देता है।

सुविधा : यह उम्मीदवारों के लिए मीटिंग हॉल, राजनीतिक रैलियों के लिए मैदान की बुकिंग आदि की अनुमति के लिए अनुरोध करने के लिए एकल विंडो ऐप है। यह प्रौद्योगिकी एक समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है, क्योंकि अनुमति बिना किसी विवेकाधिकार के पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाती है।

झारखंड में राज्य विधानसभा चुनावों में पहली बार 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत बेंचमार्क विकलांगता वाले दिव्यांगों को अपने घर बैठे ही मतदान करने का विकल्प दिया जाएगा। घर से मतदान की सुविधा वैकल्पिक है। यदि कोई मतदाता मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पर शारीरिक रूप से जाने को तैयार है, तो मतदान केंद्र पर आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। इस सुविधा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं से अधिसूचना के पांच दिनों के भीतर बीएलओ द्वारा आवेदन पत्र 12डी वितरित और एकत्र किया जाता है और इसे रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा किया जाता है।

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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना

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