नैनीताल, 24 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा दंगे के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद व जावेद सिद्धकी की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद मोईद की डिफॉल्ट बेल पर राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर व जावेद सिद्धकी की डिफॉल्ट बेल पर सरकार को अंतिम अवसर देते हुए दो सप्ताह के भीतर आपत्ति पेश करने को कहा है। कोर्ट ने मोईद के मामले में 26 अक्टूबर व जावेद के मामले में 13 अक्टूबर की तिथि नियत की है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने पहले साफिया मलिक को जमानत दी उसके बाद अन्य इसमें शामिल 50 लोगों को जमानत दी गई है उसी को आधार मानते हुए उन्हें भी जमानत पर रिहा किया जाए।
याचिका में कहा कि पुलिस ने बिना मामले की जांच किये उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417,420, 467, 468, 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया है। याचिका में कहा कि महीनों बीत गए लेकिन पुलिस अभी तक उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है। जबकि जुर्म होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को जुर्म की जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करना जरूरी है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नही की। लिहाजा उनको जमानत पर रिहा किया जाए।
(Udaipur Kiran) / लता