धर्मशाला, 24 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ राजेश गुलेरी ने कहा कि निजी क्षेत्र में आयुर्वेदिक डॉक्टर भी निक्षय से जुड़ेंगे और टीबी मुक्त भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे। इसके लिए खंड स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किये जायेंगे व निक्षय पोर्टल पर सभी निजी क्षेत्र में आयुर्वेदिक डॉक्टरों का पंजीकरण किया जायेगा।
सीएमओ डॉ राजेश गुलेरी ने यह जानकारी मंगलवार को जिला स्तरीय निक्षय दिवस एवं टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि यह पहल टीबी की जांच में विलम्ब कम करने व रोगियों की जान बचाने में मददगार होगी।
उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में 1076 टीबी व्यक्तियों ने निक्षय मित्र योजना से जुड़ने में सहमति दिखाई है जिसमें सितंबर माह में अभी तक 560 रोगियों को पोषक आहार निक्षय मित्रों द्वारा दिया गया है। इसके अतिरिक्त बैंक, समाजसेवी संस्थाएं, मंदिर ट्रस्टबव समाज सेवी भी निक्षय मित्र अभियान से जुड़ रहे हैं और टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
जिला कांगड़ा में वयस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत 96 हजार 992 व्यक्ति इसका लाभ उठा चुके हैं। शोध से पता चला है कि कुछ समूहों को टीबी होने का अधिक खतरा होता है जिन्हें बीसीजी का टीका दिया जाना चाहिए। वह व्यक्ति जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं और इनमें से किसी एक समूह के अंतर्गत आते हैं वह बीसीजी का टीका ले सकते हैं। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निक्षय दिवस के नए प्लेकार्ड का भी विमोचन किया।
जिला स्वास्थ्य व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार सूद ने आहवान किया कि छूटे हुए पात्र व्यक्ति इस टीकाकरण का लाभ उठाएं वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें। उन्होंने कहा कि जिला में 2024 में अगस्त माह तक 2221 टीबी के मामले प्रकाश में आए हैं । वहीं जिला में टीबी के 47 हजार 164 टेस्ट किए हैं जो कि 43 हजार 106 के लक्ष्य से अधिक हैं।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया