हल्द्वानी, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम कानूनों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने आज बुधपार्क में धरना प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह श्रमिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर उन्हें गुलाम बनाना चाहती है।
प्रदर्शन के दौरान, ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा लागू किए गए चारों श्रम संहिताओं का उद्देश्य श्रमिकों को कंपनियों की गुलामी में ढकेलना है। उन्होंने श्रमिकों के अधिकारों, जैसे न्यूनतम वेतन और संगठित होने के अधिकार को समाप्त करने की कोशिशों की आलोचना की।
भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि सरकार बड़े कॉरपोरेट घरानों के दबाव में नए श्रम कानून लाने पर मजबूर है, जिससे मजदूरों का शोषण बढ़ेगा।
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि पहले से ही कठिनाइयों का सामना कर रहीं आशा वर्कर्स को इन नए कानूनों से और भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
धरने में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेता और सदस्य उपस्थित रहे, जिन्होंने नए श्रम कानूनों के खिलाफ एकजुटता दिखाई और इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की।
(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता