नई दिल्ली, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने सोमवार को इनोवेशन, डिजाइन और उद्यमिता (आईडीई) बूटकैंप के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) द्वारा वाधवानी फाउंडेशन के साथ साझेदारी में किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य भारत में छात्र नवप्रवर्तकों के नवाचार, डिजाइन और उद्यमशीलता कौशल को बढ़ाना है। कार्यक्रम के दौरान स्टार्ट-अप संस्थापक और इंडस्ट्री लीडर्स अपने अनुभव साझा कर प्रतिभागियों को प्रेरित करेंगे।
23 से 27 सितंबर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के 3,000 से अधिक छात्र नवप्रवर्तक और इनोवेशन एंबेसडर भाग ले रहे हैं। नवाचार, डिजाइन और उद्यमिता में आवश्यक कौशल विकसित करने वाले इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को गहन प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से उत्पाद डिजाइन, एर्गोनॉमिक्स, डिजाइन थिंकिंग और पिचिंग कौशल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि यह पहल भारत में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, आईडीई बूटकैंप का उद्देश्य भारत को नवाचार-संचालित उद्यमों में एक ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करना है, जो अगली पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाता है।
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य नवप्रवर्तकों और उद्यमियों की एक नई पीढ़ी को सशक्त बनाना है, जो वैश्विक नवाचार परिदृश्य में भारत के विकास में योगदान देगा। आईडीई बूटकैंप के दूसरे संस्करण के साथ, भारत अपने इनोवेशन ईकोसिस्टम को मजबूत करने और अपने युवाओं की उद्यमशीलता की भावना को पोषित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
इस कार्यक्रम में वाधवानी फाउंडेशन विशेषज्ञ नेतृत्व वाली उद्यमिता शिक्षा और उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रदान कर रहा है। इस सहयोग का उद्देश्य प्रतिभागियों को आज के तेजी से विकसित हो रहे व्यावसायिक परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है। आईडीई बूटकैंप के पहले संस्करण में, तीन चरणों में 25 बूटकैंप आयोजित किए गए थे, जिसमें 6,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार