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डीएलएड को लेकर सरकार काे तीन सप्ताह का समय

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से छह माह का ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में रेग्यूलर डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन को (डीएलएड) के समकक्ष मानने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार को दोबारा से जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 नवंबर की तिथि नियत की है।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी गोपाल सिंह व 115 ब्रिज कोर्स प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वे बीएड डिग्रीधारी हैं और एनसीटीई से मान्यता प्राप्त ब्रिज कोर्स किया है, जो प्राथमिक शिक्षक बनने की पूर्ण योग्यता रखते हैं। उनको सरकार विभागीय शासनादेश व प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की विज्ञप्ति में डीएलएड प्रशिक्षण के समकक्ष नहीं मान रही है। जिस वजह से सभी प्रशिक्षित बेरोजगार भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि 2016 में चयनित बीएड-टीईटी पास शिक्षकों को विशेष सेवारत प्रशिक्षण एनआईओएस से एनसीटीई मान्यता प्राप्त समान नियमों के अंतर्गत दिया गया। इसलिए उन्हें भी विभागीय डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष माना जाए। 9 अगस्त से काउंसिलिंग शुरू हो गई है। इसलिए इस काउंसिलिंग में उन्हें शामिल किया जाए।

ब्रिज कोर्स के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का कहना था कि उन्होंने यह कोर्स एनसीटीई के नियमों के तहत किया है। लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल नही कर रही है। वर्तमान समय मे करीब 2900 प्राथमिक शिक्षको की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। उनको भी इसमें प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाय। उन्होंने यह कोर्स वर्ष 2017 से 2019 के बीच पूरा कर लिया था।

(Udaipur Kiran) / लता

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