दौसा, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले के कोलवा थाना क्षेत्र के भोजवाड़ा गांव की खेरिया ढाणी में श्मशान का रास्ता बंद होने से एक बुजुर्ग महिला के शव का 22 घंटे तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे बांदीकुई तहसीलदार धर्मेंद्र मीणा ने 20 दिन में रास्ते की समस्या का समाधान का भरोसा दिलाया। इसके बाद ग्रामीण महिला के अंतिम संस्कार को तैयार हुए। गांव की बुजुर्ग महिला रामप्यारी देवी की शनिवार दोपहर इलाज के दौरान जयपुर में मौत हो गई थी। परिजन शाम को 5 बजे शव लेकर गांव पहुंच गए थे, लेकिन श्मशान जाने का रास्ता नहीं होने के चलते कल से ही अंतिम संस्कार के इंतजार में शव लेकर बैठे रहे।
ग्रामीणों का आरोप है कि खेत मालिक ने रास्ता बंद कर रखा है, जिसके चलते श्मशान घाट नहीं जा सकते। गांव में जब भी किसी की मौत होती है तो यही हालात बनते हैं। यहां तक की सामान्य दिनों में भी आने-जाने में परेशानी होती है। प्रशासन से कई बार रास्ते की मांग को लेकर गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसकी शिकायत पर पुलिस पहुंचती है तो जवाब मिलता है कि यह ग्राम पंचायत व राजस्व विभाग का मामला है। इसमें पुलिस कोई समाधान नहीं कर सकती। ऐसे में ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
जिले के कई गांवों में रास्तों की समस्या
गौरतलब है कि दौसा जिले के ग्रामीण अंचल में श्मशानों के लिए रास्तों की समस्या दिनोंदिन गलफांस बनती जा रही है। हालात यह हैं कि आए दिन अर्थी के साथ विरोध प्रदर्शन के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन अभी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। इससे पहले महुवा क्षेत्र के कीर्ति नंगला गांव में श्मशान के लिए रास्ता नहीं होने से खेतों में जलभराव के बीच से अर्थी से लेकर गुजरने का वीडियो सामने आया था। वहीं सिकराय क्षेत्र के छोटी बैरास गांव व बालाजी इलाके में स्थित पाडली गांव में श्मशान के लिए रास्ते नहीं होने के चलते विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे। ऐसे में स्थानीय ग्राम पंचायतों के साथ राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ लोगों में रोष व्याप्त है।
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(Udaipur Kiran) / चरणजीत