– सबमरीन के चालक दल को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित बचने को दी जाएगी ट्रेनिंग
नई दिल्ली, 14 सितम्बर (Udaipur Kiran) । कलवरी सबमरीन एस्केप ट्रेनिंग फैसिलिटी ’विनेत्र’ भारतीय नौसेना को मिल गई है। पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने विशाखापट्टनम में एक समारोह के दौरान इसे भारत के समुद्री बेड़े में शामिल किया है। इस आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर का मकसद कलवरी श्रेणी की सबमरीन के चालक दल को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित तरीके से बाहर निकलने की ट्रेनिंग देना है। इसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में ’आत्मनिर्भरता’ हासिल करने की पहल में से एक है।
आईएनएस सातवाहन, विशाखापट्टनम में 13 सितंबर को शामिल की गई सबमरीन एस्केप ट्रेनिंग फैसिलिटी ’विनेत्र’ का निर्माण मेसर्स एलएंडटी डिफेंस ने किया है। कलवरी सबमरीन एस्केप ट्रेनिंग फैसिलिटी पांच मीटर के एस्केप टॉवर से सुसज्जित है। इस अत्याधुनिक ट्रेनिंग फैसिलिटी का उपयोग कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के चालक दल को बेसिक और रिफ्रेशर दोनों प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पनडुब्बी संकट की स्थिति में वे बच निकलने की कला में कुशल हो जाएं।
ट्रेनिंग फैसिलिटी ’विनेत्र’ का अर्थ है ’ट्रेनर’। यह पनडुब्बी के चालक दल के बीच भरोसा बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि वे समुद्र के अंदर पानी के नीचे की किसी भी आपात स्थिति में बच निकलने के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण से लैस हैं। यह प्रशिक्षण सुविधा भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करती है। यह सेंटर भारतीय नौसेना की सुरक्षा तैयारियों को और भी मजबूत बनाएगा। इससे कलवरी श्रेणी की सबमरीन के चालक दल को आधारभूत और रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे आपातकालीन स्थितियों में भी सुरक्षित निकल सकें।
नौसेना के कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक इस ट्रेनिंग फैसिलिटी के साथ नौसेना की ऑपरेशनल तैयारियों, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार आएगा। यहां से ट्रेंड होने के बाद नौसैनिक किसी भी आपदा में नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे। विनेत्र का डिजाइन भारतीय रक्षा क्षमताओं के इनोवेशन की दिशा में एक अहम कदम है। यह न केवल सबमरीन क्रू को आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित रखने की ट्रेनिंग देगा, बल्कि नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता को भी बढ़ावा देगा। यह सबमरीन समुद्री सुरक्षा काे मजबूती देगा, जिससे आने वाले समय में नौसेना की ताकत में इजाफा होगा।
———————————
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम