प्रयागराज, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले अपराध के आरोप में दर्ज एफआईआर के तहत पुलिस को बीएनएसएस की धारा 35 का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि एफआईआर के आरोपों से संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है। ऐसे में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। इस धारा में विवेचना के लिए जरूरी होने पर अदालत की अनुमति से गिरफ्तारी का नियम है। अन्यथा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने जौनपुर महराजगंज थाना क्षेत्र के निवासी संदीप यादव की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याचिका पर कोर्ट ने पुलिस को गिरफ्तारी के मामले में धारा 35 व सुप्रीम कोर्ट के अरुणेश कुमार केस की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने का आदेश देते हुए याची को राहत दी है। याची के खिलाफ 3 जुलाई 24 को महराजगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे