सुकमा, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में सक्रिय एक महिला नक्सली सहित पांच नक्सलियों पुलिस एवं सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सली कई नक्सली वारदातों में शामिल थे। छत्तीसगढ़ शासन की ”छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण किया।
नक्सली संगठन में सक्रिय एक महिला सहित पांच नक्सलियाें ने शुक्रवार काे आत्मसमर्पण किया। जिसमें सिंगाराम आरपीसी केएमएस उपाध्यक्षा सोड़ी पीडे पति सोड़ी गंगा 42 वर्ष, निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा, सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस उपाध्यक्ष माड़वी भीमा पिता माड़का 45 वर्ष निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा, सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य सोड़ी हुंगा पिता कोसा 40 वर्ष निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापाल्ली जिला सुकमा, सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य मड़कम भीमा पिता ओमा 40 वर्ष निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा एवं बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया सदस्य कवासी बिल्लू उर्फ लखमा पिता स्व. भीमा 54 वर्ष निवासी पामलूर थाना किस्टाराम जिला सुकमा शामिल है। सभी नक्सलियाें ने आज शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में सीआरपीएफ 212 वाहिनी द्वितीय कमान अधिकारी दिनेश कुमार, एवं सुकमा प्रभारी सायबर सेल निरीक्षक मुकेश यादव के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। नक्सली कवासी बिल्लू उर्फ लखमा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 231 वाहिनी सीआरपीएफ सूचना शाखा एवं शेष नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में सीआरपीएफ 212 वाहिनी सूचना शाखा का विशेष योगदान था।
उक्त सभी सदस्य प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक, बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरुद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरुद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल थे। उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधा प्रदान की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / मोहन ठाकुर