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मंकीपॉक्स के प्रति जागरूक रहें: सिविल सर्जन

मंकीपॉक्स के प्रति जागरूक रहें: सिविल सर्जन

किशनगंज,12 सितम्बर (Udaipur Kiran) । वर्तमान समय में मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप कई देशों में चिंता का विषय बना हुआ है। इस रोग के लक्षण और संक्रमण के फैलने के तरीके को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है। मंकीपॉक्स वायरस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रामक रोग है, जो जानवरों से मनुष्यों में और फिर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस, जो मुख्य रूप से जानवरों से मनुष्यों में फैलता है, अब व्यक्ति से व्यक्ति में भी संक्रमण का कारण बन रहा है। हालांकि यह कोविड-19 जितना संक्रामक नहीं है, लेकिन मंकीपॉक्स को लेकर जागरूकता बढ़ाने और बचाव के उपाय अपनाने की जरूरत है।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने गुरुवार को बताया की मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस चेचक (स्मॉलपॉक्स) के समान है, लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और त्वचा पर फुंसियों जैसी चकत्ते शामिल हैं। चकत्ते पहले चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों, खासकर हाथों और पैरों में फैल जाते हैं। लेकिन अब यह संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से भी फैल सकता है। यह वायरस शरीर के तरल पदार्थों, चकत्ते के सीधे संपर्क, और संक्रमित वस्त्रों या बिस्तर के माध्यम से भी फैल सकता है। उन्होंने बताया की मंकीपॉक्स से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए: नियमित रूप से हाथ धोना और संक्रमण से प्रभावित लोगों से दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। जंगली जानवरों, विशेषकर बंदरों और कृंतकों से दूरी बनाए रखें क्योंकि यह वायरस मुख्य रूप से जानवरों से फैलता है। जिन क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का प्रकोप देखा गया है, वहां सरकार द्वारा अनुमोदित टीकों का उपयोग किया जा सकता है।

अगर आपको बुखार, थकान, या त्वचा पर अजीब से चकत्ते दिखाई देते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि जहां वायरस के फैलने की संभावना हो, वहां मास्क पहनें। व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर या अन्य उपयोग की वस्तुओं से दूर रहें।नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं, खासकर अगर आप प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे हैं या यात्रा कर रहे हैं। संचारी रोग पदाधिकारी डा. मंजर आलम ने बताया की मंकीपॉक्स का प्रकोप नियंत्रित किया जा सकता है, अगर लोग सतर्क रहें और बताए गए बचाव के उपायों का पालन करें। जागरूकता और जानकारी ही इस संक्रमण के प्रसार को रोकने का सबसे कारगर उपाय है। यदि हम सभी मंकीपॉक्स के प्रति जागरूक रहें और सुरक्षा उपायों का पालन करें, तो इसे फैलने से रोका जा सकता है। समय पर जानकारी और सावधानी इस बीमारी के प्रसार को सीमित करने में मदद कर सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी सतर्क रहें और अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।

(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह

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