जयपुर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर पर कार्रवाई के मामले में सियासत तेज हो गई है। बुधवार को मुनेश के पक्ष में गुर्जर समाज आ गया है। समाज ने मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से करवाने की मांग की। इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि बिना जांच के मुनेश गुर्जर का निलंबन किया जाता है, तो ये गलत होगा और उसके परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेंगे।
हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर के निलंबन पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। राज्य सरकार मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। ताकि मुनेश गुर्जर को कोर्ट से स्टे ना मिले। वहीं अब मुनेश गुर्जर के पक्ष में गुर्जर समाज उतर आया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर अखंड भारत गुर्जर महासभा की ओर से एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष देवनारायण गुर्जर ने आरोप लगाया कि यह प्रकरण पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और उनके साथ रहने वाले सुधांशु ढिल्लो का षड्यंत्र है। साथ ही कुछ तस्वीरें भी सार्वजनिक की है।
देवनारायण गुर्जर ने कहा कि वो खाचरियावास को टारगेट नहीं कर रहे, लेकिन हकीकत सामने हैं। प्रताप सिंह के स्टेटमेंट चाहे सचिन पायलट के लिए हों या मुनेश गुर्जर के लिए, वो साबित करते हैं कि वो कहां स्टैंड करते हैं। उन्होंने सचिन पायलट के लिए नेकर पहनने वाली बात कही थी। इस बात का चुनाव में पूरा हिसाब किया गया है। उनका कोई विरोध नहीं है। लेकिन उनके स्टेटमेंट ये साबित करते हैं कि वो खुद पार्टी बने हुए है। ऐसे में सरकार से यही निवेदन है कि इस मामले को ठीक से देखें। समाज सरकार के सुशासन पर विश्वास करते हैं, लेकिन यदि सरकार ने न्याय नहीं किया, तो इसका परिणाम सरकार को भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने मुनेश गुर्जर के घर से मिले रुपयों को लेकर कहा कि मुनेश गुर्जर के पति प्रॉपर्टी का काम करते हैं और जब रेड पड़ी थी, तो मेयर वही थीं। यदि ऐसी ही स्थिति थी, तो उन्हें हाथों-हाथ ही अरेस्ट कर लेना चाहिए था। जहां तक घर में फाइलों का सवाल है ये वैधानिक प्रक्रिया है कि मेयर हाउस में ऑफिस का काम भी चलता है। उसके एम्पलाइज भी वहां रहते हैं, इसमें नई बात क्या है? राजस्थान सरकार से यही अपील है कि इस जांच में बहुत सारी गुंजाइश है, चूंकि जांच में जो तथ्य शामिल होने चाहिए थे और मुनेश गुर्जर की तरफ से जो तथ्य रखे जाने चाहिए थे, वो नहीं रख पाए हैं। सारे तथ्य सामने आएंगे तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। सरकार से यही मांग है कि वो एक कमेटी बनाकर इस मामले को पूरी तरह दिखवाएं, इसके बाद यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो सजा जरूर मिलेगी।
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(Udaipur Kiran) / राजेश