लखनऊ, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट से लौटने के बाद एक बार फिर 69 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन न किए जाने से अभ्यर्थी नाराज है। इसी को लेकर केशव प्रसाद के घर के सामने धरने पर बैठे हैं। बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी यहां जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। यहां बैठे अभ्यर्थी केशव चाचा न्याय करो का नारा लगाकर धरने पर बैठ गए हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया था सरकार ने उसे जानबूझ कर लटका दिया, जिससे यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सरकार के पास पर्याप्त समय था वह हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करके सबके साथ न्याय कर सकती थी।
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही।
पटेल ने कहा कि उन्होंने दो सितंबर को भी केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था तब उन्होंने त्वरित न्याय किए जाने की बात कही थी और हम अभ्यर्थियों से मुलाकात भी की थी। लेकिन उनकी बात को भी अधिकारियों ने नहीं माना अब यह मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में चला गया। हम पिछड़े दलित गरीब अभ्यर्थी अधिकारियों और सरकार के इस रवैया से काफी हताश और परेशान हैं। जो काम कुछ दिनों में हो सकता था उसे इतना लंबा जानबूझकर टाल दिया गया है। केशव जी का त्वरित न्याय की टिप्पणी, खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग साबित हुआ। त्वरित न्याय की कोई सीमा होती है यह नहीं की महीनों मामला लटक रहे।
पटेल ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण पर सरकार से जवाब मांगा है। सरकार कुछ ऐसा जवाब दाखिल करें जिससे सभी का हित हो। हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को न्याय मिल सके।
(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण