जम्मू, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष सुनील प्रजापति ने कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस को पिछड़े वर्गों के खिलाफ बताते हुए कहा हैं कि नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र में ओबीसी समाज का आरक्षण समाप्त करने की वकालत का जवाब ओबीसी समाज चुनावों में देगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की कुल जनसंख्या का 38 फीसदी के करीब ओबीसी वर्ग के लोग है। केवल भाजपा सरकार ने उनके साथ न्याय किया है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के ओबीसी समाज से अपील की कि वे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को सख्त जवाब दें जिन्होंने उनके अधिकारों को दशकों से दबाए रखा। छन्नी हिम्मत में वीरवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुनील प्रजापति ने कहा कि ओबीसी समाज की भलाई के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ओबीसी समाज को पहली बार आरक्षण मिला जो केवल मोदी सरकार के दौरान संभव हुआ।
सुनील प्रजापति ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर आरोप लगाया कि उनकी पिछड़े वर्गों के प्रति सोच हमेशा से नकारात्मक रही है क्योंकि तीन दशकों से जम्मू-कश्मीर का पिछड़ा समाज आरक्षण से वंचित रहा।
उन्होंने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान की धारा 340 में यह प्रावधान रखा था कि राज्य आबादी के अनुपात के हिसाब से ओबीसी समाज को आरक्षण दे सकते हैं लेकिन कांग्रेस ने कभी ओबीसी समाज को उनके अधिकार नहीं दिए। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने संसद में ओबीसी आरक्षण का विरोध करते हुए ढाई घंटे तक भाषण दिया था जो कांग्रेस की ओबीसी विरोधी सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जब भी ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग बनाया गया कांग्रेस ने उस पर अड़चनें डालीं। पहली बार वी.पी. सिंह सरकार ने इस पर पहल की लेकिन कांग्रेस ने तब भी रोड़े अटकाए।
प्रजापति ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ओबीसी समाज को 8 प्रतिशत आरक्षण मिला है जो पुरानी जनगणना के आधार पर है। उन्होंने कहा कि नई जनगणना के बाद जम्मू-कश्मीर में ओबीसी समाज को देश भर की तरह उचित आरक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आभारी है, जिनकी बदौलत उन्हें अपने अधिकार मिल रहे हैं। अब ओबीसी समाज के बच्चे सैनिक स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय और विभिन्न प्रोफेशनल कॉलेजों में दाखिला पा रहे हैं और सरकारी योजनाओं के तहत छात्रवृत्तियों से अपने शैक्षणिक सफर को जारी रख रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा