Haryana

झज्जर: डावला गांव में क्रू मेम्बर शहीद कर्ण सिंह की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि

क्रू मेम्बर शहीद कर्ण सिंह को शस्त्र झुकाकर सलामी देती भारतीय तट रक्षक बल और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी।

झज्जर, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुजरात के पोरबंदर तट के पास बाढ़ के दौरान रेस्क्यू मिशन में लगे हेलीकॉप्टर क्रेश हादसे में शहीद हुए कर्ण सिंह की उनके पैतृक गांव डावला में गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। हरियाणा पुलिस और तटरक्षक बल के जवानों ने शस्त्र झुकाकर शहीद को सलामी दी। उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित भावभीनी श्रद्धांजलि दी। तट रक्षक बल की टीम शहीद कर्ण सिंह के पार्थिव शरीर को जैसे ही डावला गांव लेकर पंहुची तो हर कोई अपने लाडले सपूत के अंतिम दर्शनों के लिए उमड पड़ा।

गौरतलब है कि गांव डावला निवासी कर्ण सिंह लगभग 11 साल से भारतीय तटरक्षक बल में क्रू मेम्बर के पद पर कार्यरत थे और गत 2 सितंबर की रात को गुजरात के पोरबंदर तट के समीप बाढ़ के दौरान रेस्क्यू मिशन में लगा भारतीय तटरक्षक बल का हेलिकॉप्टर अरब सागर में क्रेश हो गया था,जिसमें कर्ण सिंह सहित दो जवान शहीद हो गए थे। गुरुवार की सुबह क्रू मेम्बर कर्ण सिंह के पार्थिव शरीर को मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ डावला गांव लाया गया, तो माहौल गमगीन हो गया और हर किसी की आंखें नम हो गई । जब तक सूरज चांद रहेगा कर्ण सिंह तेरा नाम रहेगा,भारत माता की जय जैसे गगनभेदी नारों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने नम आंखों से अपने साहसी व होनहार बेटे को अश्रुपूर्ण विदाई दी।

डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि कर्ण सिंह एक साहसी गौताखोर थे, जिन्होंने अपने प्राणों की रक्षा न करते हुए पोरबंदर तट के पास रेस्क्यू मिशन में हिस्सा लिया। हम कर्ण सिंह के माता पिता को प्रणाम करते हैं कि जिन्होंने ऐसे वीर जवान को जन्म दिया। गांव डावला के इस जांबाज कर्ण सिंह के बलिदान का देश सदैव ऋणी रहेगा।

ऐसे वीर शहीदों का नाम कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने दिवंगत कर्ण सिंह के परिजनों को ढांढ़स बंधाया और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने शहीद कर्ण सिंह के बेटे हनी को जीवन में आगे बढने का आर्शीवाद दिया। ग्रामीणों ने बताया कि कर्ण सिंह एक निर्भीक और हंसमुख प्रवृत्ति के इंसान थे और हर एक मुश्किल कार्य को करने के लिए आतुर रहते थे। तैराकी उनका बचपन से ही शौक था। जांबाज कर्ण सिंह अपने पीछे माता सुमित्रा देवी, पत्नी आरती, एक बेटा हनी और एक बेटी परी छोड़ गए हैं। दिवंगत क्रू मेम्बर कर्ण सिंह की अंतिम संस्कार यात्रा में अनेक गणमान्य व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों और क्षेत्रवासियों ने भाग लेकर अंतिम विदाई दी।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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