जोधपुर, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । वैचारिक पुनर्जागरण के प्रतीक स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्मसभा में भारतीय सनातन व संस्कृति की पताका को सम्पूर्ण विश्व के धर्म गुरुओं के मध्य लहराने का जो ऐतिहासिक कार्य किया था, वह आज भी विश्व का पथ प्रदर्शन कर रहा है और भविष्य में भी वैश्विक असहिष्णुता, धार्मिक संकीर्णता व आर्थिक, वैचारिक मतभेद की समस्याओं को सुलझाने का कार्य करता रहेगा। ये विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा जोधपुर की ओर से जोधपुर के विभिन्न विद्यालयों में विश्व बंधुत्व का संदेश पहुंचाने के अभियान का आगाज करते हुए उप प्राचार्य एनके प्रजापति ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
श्री सोहनलाल मनिहार विद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उप प्राचार्य प्रजापति ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म सभा में भारतीय संस्कृति और सभ्यता को संपूर्ण विश्व के सामने उदारवादी संस्कृति के रूप में रखा है। स्वामी विवेकानंद का ये वैश्विक धार्मिक व सांस्कृतिक नाद ही प्रति वर्ष 11 सितंबर को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केंद्र के नगर प्रमुख डॉ. अमित व्यास ने बताया कि अमेरिका के व्याख्यान से स्वामी विवेकानंद संपूर्ण विश्व में पूजनीय बने। इस कारण दिवस को विश्व बंधुत्व के रूप में मनाया जाता है। केंद्र द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वामीजी का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करता रहा है। इसी कड़ी में विश्व बंधुत्व दिवस पखवाड़े का आयोजन केंद्र की ओर से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जोधपुर के विभिन्न विद्यालय और महाविद्यालय में केंद्र की ओर से व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के संयोजक मनीष राठौड़ ने बताया कि पहले दिन सोहनलाल मनिहार विद्यालय में व्याख्यान के दौरान मुख्य वक्ता एनके प्रजापति ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद की बचपन की घटनाओं को सुनाते हुए उनके विशिष्ठ गुणों से अवगत कराया। कार्यक्रम संचालन विद्यालय अध्यापिका सुनंदा पुरोहित ने किया तथा प्राचार्य अनिता कक्कड़ ने विवेकानंद केंद्र का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विद्यालय स्टाफ एवं केंद्र के कार्यकर्ता भगवान पंवार व हिमांशु आदि उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / सतीश