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शिक्षा प्रणाली में अनुसंधान को बढ़ावा देना चाहिए :  राष्ट्रपति

महाराष्ट्र के पुणे में  सिम्बायोसिस इंटरनेशनल डीम्ड यूनिवर्सिटी के 21वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी

नई दिल्ली, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे में सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों से शिक्षा प्रणाली में अनुसंधान को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सिम्बायोसिस इंटरनेशनल डीम्ड यूनिवर्सिटी के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों के शोध से नए आविष्कार होते हैं और चुनौतियों के नए समाधान मिलते हैं। भारत के रिसर्च स्कॉलर न केवल देश की बल्कि दुनिया की समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी अनुसंधान को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि विश्वविद्यालय में जल संसाधन प्रबंधन, स्टेम सेल, नैनोसाइंस और जलवायु परिवर्तन सहित कई विषयों पर बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र काम कर रहे हैं।

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वे इतने सक्षम हो गए हैं कि अपने व्यक्तित्व और ज्ञान से देश-विदेश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। वे नवोन्मेष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के माध्यम से प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा, कानून, सामाजिक विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से देश के विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों की संस्कृति और उनकी वर्तमान आवश्यकताओं को समझने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि इस जानकारी के आधार पर उन्हें ऐसे सॉफ्टवेयर, स्वास्थ्य सेवा उत्पाद और विपणन रणनीतियां बनानी चाहिए जो सभी के विशेषकर वंचित वर्गों के लोगों के विकास में सहायक हों और स्थिरता को भी बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल भी उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि सिम्बायोसिस इंटरनेशनल में पढ़ने वाले लगभग 33000 विद्यार्थियों में छात्रों और छात्राओं की संख्या लगभग बराबर है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की प्रगति न केवल नागरिकों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह देश के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सिम्बायोसिस डीम्ड यूनिवर्सिटी लैंगिक समानता को प्राथमिकता दे रही है और लड़कियों की शिक्षा के लिए उचित माहौल और सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थानों से छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और उनके लिए सुरक्षित और सहायक माहौल बनाने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय परिसर में ‘सिम्बायोसिस आरोग्य धाम’ की स्थापना की सराहना करते हुए कहा कि यह चिकित्सा सेवाओं में सुधार की दिशा में एक कदम है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सिम्बायोसिस डीम्ड यूनिवर्सिटी परिसर के आसपास के गांवों में मोबाइल फेमिली हेल्थ क्लीनिक चला रही है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नवीनतम तकनीक के ज्ञान के साथ-साथ मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना सभी शैक्षणिक संस्थानों का उद्देश्य होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने छात्रों को सलाह दी कि वे हर काम में उत्कृष्टता हासिल करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि आपने कहावत तो सुनी होगी – उत्कृष्टता का पीछा करो और सफलता अपने आप आएगी। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग ज़्यादा पैसा, बड़ा घर, बड़ी गाड़ी और दूसरी चीज़ें होना ही सफलता की निशानी मान लेते हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि वे सफलता का सही मतलब समझेंगे और ऐसा काम करेंगे, जिससे दूसरों का जीवन स्तर भी सुधरेगा।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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