– पशु आहार यूनिट से करीब 25 लोगों को दे रहे रोजगार
इंदौर, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । अपने हौसलों को ऊची उड़ान देने का मन में सपना संजोए युवा ईशान राठौर लगातार प्रयास करते रहे। मात्र पांच वर्ष की आयु में पिता का साया सिर पर से हट जाने और माताजी के द्वारा किये गए लालन पालन ने ईशान को नए सपने देखने और कड़ी मेहनत के लिए तैयार किया। कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग किया। इसी दौरान रात में इंटीरियर डिजाइनिंग के कार्य को सीखा। मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा मन में लिए वे ट्रांसपोर्ट सेक्टर में करियर बनाने का सपना देखने लगे। इसी दौरान रोजगार की तलाश करते हुए उन्हें पशु आहार निर्माण इकाई स्थापित करने का विचार आया। इस कार्य को सीखने के पहले उन्होंने करीब 6 माह तक एक अन्य पशु आहार इकाई में सर्विस की।
यहां मिले अनुभव और प्रारंभिक जानकारी उनके लिए मददगार बनी। इसी दौरान आरसेटी से संपर्क के दौरान उन्हें स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में संपर्क किया। यहां उन्हें बेहतर गाइडेंस और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की। उन्हें बैंक ऑफ इंडिया शाखा बेटमा से 25 लाख रूपये का ऋण स्वीकृत हुआ। उन्होंने प्राप्त ऋण राशि से मशीनरी और अन्य आवश्यक संसाधनों को लिया। उन्होंने करीब 5 हजार स्क्वेयर फीट की पैत्रक जमीन पर गोडाउन और प्रारंभिक इन्फ्रा स्ट्रक्चर को स्वयं के करीब 20 लाख रूपये के व्यय से तैयार किया।
21 वर्ष की आयु में प्रारंभ किया गया यह व्यवसाय मात्र दो वर्ष में नई ऊंचाइयां छूने लगा है। तिरुपति पशु आहार यूनिट से वर्तमान में प्रति घंटे 20 क्विंटल पशु आहार का उत्पादन हो रहा है। उनका उत्पाद मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री हो रहा है। इतना ही नहीं वे अपनी इस औद्योगिक इकाई से 20 से 25 लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे है। उन्होंने बताया कि उनकी इस इकाई से प्रति वर्ष 70 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर हो रहा है। वे बताते है प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत बैंक से मिले ऋण और जिला व्यापार उद्योग केन्द्र से मिले सहयोग तथा तकनीकी मार्गदर्शन से आज मैं अपने सपनों को साकार कर पाया हूं। योजना अंतर्गत उन्हें 35 प्रतिशत सब्सिडी मिली जो 8 लाख रुपये है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं प्रदेश सरकार की युवाओं को रोजगार से जोड़ने वाली सोच तथा योजनाओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि संभागायुक्त दीपक सिंह के मार्गदर्शन में संभाग के समस्त जिलों में युवाओं को रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में लगातार विशेष प्रयास किये जा रहे है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र इंदौर के महाप्रबंधक एसएस मंडलोई ने बताया शिक्षित बेरोजगार युवा अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करने तथा विभिन्न स्वरोजगार योजना का लाभ लेने अथवा जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र पर सम्पर्क कर सकते है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना का मुख्य उद्देश्य उद्योग एवं सेवा इकाइयां स्थापित करने एवं नये स्वरोजगार उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसरों का सृजन तथा परम्परागत कारीगरों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना है। योजना का लाभ लेने हेतु 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है। उद्योग (विनिर्माण) इकाई हेतु 10 लाख रुपये एवं सेवा इकाई हेतु 5 लाख रुपये से अधिक की परियोजना लागत होने पर आवेदक को न्यूनतम कक्षा 8वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। वर्तमान इकाइयों या वे इकाईयों जो केन्द्र या राज्य सरकार की किसी भी अन्य योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ ले चुका है, वे इस योजना के पात्र नहीं होंगे। आवेदक किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। योजना के तहत विनिर्माण हेतु अधिकतम 50 लाख रूपये , सेवा क्षेत्र हेतु अधिकतम 20 लाख रूपये तक लाभ मिलता है। आवेदक सामान्य वर्ग का पुरूष होने पर शहरी क्षेत्र में 15 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत की दर से बैंक द्वारा स्वीकृत राशि पर मार्जिन मनी अनुदान राशि उपलब्ध होती है। अन्य श्रेणी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला, अल्पसंख्यक, दिव्यांग को शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र में 35 प्रतिशत की दर से बैंक द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत राशि पर मार्जिन मनी अनुदान राशि उपलब्ध होती है।
(Udaipur Kiran) तोमर