जयपुर, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । सीकर जिले के रैवासा धाम के पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य का शनिवार काे अंतिम संस्कार हुआ। शनिवार सुबह महंत राघवाचार्य की अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा जानकीनाथ बड़ा मंदिर से रवाना हुई और रैवासा गांव के अलग-अलग इलाकों से होकर वापस मंदिर परिसर की गोशाला पहुंची। यहां अंतिम संस्कार किया गया। उत्तराधिकारी राजेंद्रदास महाराज ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में नेता, धर्मगुरु और अनेक पीठाधीश्वर शामिल हुए।
पीठाधीश्वर को शुक्रवार सुबह बाथरूम में दिल का दौरा पड़ा था। उन्हें तुरंत ही सीकर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। वे राजस्थान संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने राजस्थान में वेदाश्रमों की भी स्थापना की। रैवासा वेद स्कूल में वेदों की शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट इंडियन आर्मी से लेकर कई बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. स्वामी राघवाचार्य ने 30 नवंबर 2015 को अपनी वसीयत लिखी थी। इस वसीयत को राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने रैवासा गांव के सरपंच रामदयाल सैनी की मौजूदगी में मंदिर परिसर में संतों को पढ़कर सुनाई। वसीयत के अनुसार महंत ने राजेंद्रदास देवाचार्य मलूक पीठाधीश्वर, बंसीवट, वृंदावन धाम को रैवासा धाम के पीठाधीश के रूप में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रखा है। अंतिम संस्कार में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व सांसद सुभाष महरिया, दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह, नगर परिषद सभापति जीवन खां, भाजपा जिला अध्यक्ष कमल सिखवाल, भाजपा नेता श्रवण चौधरी मौजूद हैं।
(Udaipur Kiran) / रोहित