-जिला उपभोक्ता कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
पूर्वी चंपारण,31अगस्त (Udaipur Kiran) । जिला उपभोक्ता आयोग ने तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद बिजली के तार की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत के मामले में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड की सेवा में कमी पाते हुए 19 लाथ 47 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।साथ ही दो माह के अंदर परिवादिनी को मुआवजे के रूप में 2,47,750 रुपये का भुगतान करने व मृतक के आश्रित सात लड़के व लड़कियों के नाम पर 16,99,250 रुपये की सावधि जमा करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने परिवाद संख्या- 111/2021, लवंगी देवी, पति स्व. उपेन्द्र मुखिया, मजुराहां, वार्ड नंबर-5 बनाम कार्यपालक विद्युत आपूर्ति अभियंता नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड मोतिहारी की वाद की सुनवाई की और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उक्त फैसला सुनाया है। जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य संजीव कुमार के अनुसार परिवादिनी के पति उपेंद्र मुखिया बिजली चालित आटा चक्की मशीन लगाये हुए थे। जिसे खुद चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। बिजली आपूर्ति बाधित होने पर डीजल से आटा चक्की चलाकर गेहूं पीसते थे।
इसी दौरान 8 सितंबर 2020 को तीन बजे शाम में बिजली चालित आटा चक्की का कनेक्शन का तार पोल पर आग लगने से गिर गया और जमीन पर सट गया। उसमें बिजली प्रवाहित हो रही थी, इसकी सूचना उपेंद्र मुखिया ने कनीय अभियंता को दी। विद्युत कार्यालय ने इसे ठीक करने का आश्वासन दिया,लेकिन तार ठीक नहीं कराया। वही 16 सितंबर को उपेन्द्र मुखिया डीजल इंजन से आटा पीसकर 10 बजे रात्रि को निकले, तो टूटे हुए तार में उनका पैर फस गया,जिसमे प्रवाहित करंट से उनकी मौत हो गयी। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस मामले में दायर वाद की सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद पाण्डेय व सदस्य संजीव कुमार की संयुक्त बेंच ने राष्ट्रीय आयोग के मैनेजिंग डायरेक्टर के उस फैसले को रेखांकित किया, जिसमें विद्युत स्पर्शधात से मौत के कारण मुआवजा का परिवाद स्वीकृत किया गया है।
(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार