HEADLINES

दलदली रास्ते के कारण आवासीय विद्यालय में नहीं पहुंच रहे विद्यार्थी

ASHA SINGH
07
06
05
04

मुरैना, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । देश के विकसित शहरों में संचालित अशासकीय विद्यालयों की तर्ज पर अनुसूचित जाति के बालक-बालिकाओं के लिये संचालित ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय पर संकट आ खड़ा हुआ है। विद्यालय पर पहुंचने के लिये लगभग 700 मीटर मार्ग में दलदल तथा उबड़-खाबड़ हो जाने के कारण अभिभावक नहीं पहुंच रहे हैं। इस कारण विद्यालय में मात्र 310 बालक-बालिका अध्ययनरत हैं, जबकि इस विद्यालय में 640 बालक-बालिकाओं को सीबीएसई पद्धति से अध्ययन कराने की सम्पूर्ण व्यवस्था है।

प्रदेश का अनुसूचित जाति विभाग भी विद्यालय प्रबंधन की गुहार को अनसुनी कर रहा है। इससे विद्यालय का 30 फुट चौड़ा पहुंच मार्ग मात्र 6 फुट का रहा गया है। शासन की इस महत्वपूर्ण परियोजना को असफलता के मार्ग पर अग्रसर बनाने के लिये कौन जिम्मेदार है। यह तय नहीं हो पा रहा है।

नवोदय विद्यालय की तर्ज पर सिर्फ अनुसूचित जाति वर्ग के बालक-बालिकाओं को सीबीएसई शिक्षा प्रदान करने के लिये अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय योजना आरंभ की गई थी। जिले में यह विद्यालय वर्ष 2015 में स्थापित किये जाने के बाद वर्ष 2017 में 16 बीघा के विशाल परिसर में स्थानांतरित किया गया। जिसमें अध्ययन के लिये बेहतर भवन के साथ-साथ आवासीय क्षेत्र भी विकसित किया गया। विद्यार्थियों को पौषण युक्त आहार, आधुनिक अध्ययन कक्ष तथा स्वच्छ व शांत वातावरण प्रदान किया गया। कुछ वर्षों के बाद ही विद्यालय संचालन पर संकट गहराने लगा। नगरपालिक निगम के वार्ड क्रमांक 45 महाराजपुरा क्षेत्र में निर्मित किये गये विद्यालय पर पहुंचने के लिये नहर मार्ग तथा सिलायथा मार्ग से व्यवस्था की गई थी। कुछ वर्षों से यह दोनों मार्ग अधिकांश रूप से दल-दल में तब्दील हो गये हैं। कुछ मार्ग उबड़-खाबड़ गड्डों भरी स्थिति में पहुंच गया है। मुख्य मार्ग से विद्यालय तक मात्र 700 मीटर मार्ग है, यह भी खराब होने के कारण विद्यार्थियों के लिये भोजन व अन्य व्यवस्थाओं हेतु पहुंचने वाली सामग्री को ले जाने वाले लोग बड़ी मशक्कत के बाद तैयार होते हैं। विषम परिस्थितियों में आवश्यक होने के बावजूद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती। इससे भी बद्तर हालत यह है कि 30 फुट चोड़ा मार्ग सिकुडक़र मात्र 6 फुट का रह गया है। पूर्ण खाद्य सामग्री के सहज रूप से न आने के कारण विद्यार्थियों को पौषण आहार मिलने में भी संकट आ रहा है। इस परेशानी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश नहीं दिला रहे हैं। अध्यापन के लिये पहुंच रहे शिक्षक व अन्य स्टाफ परेशानी का सामना करते हैं। विद्यालय के लिये नहर व सिलायथा मार्ग से खेतों की ओर आवागमन करने वाले किसान सुरेश सिंह, ग्राम सिलायथा, एवं बंटी यादव महाराजपुरा ने दोनों मार्गों को वर्तमान में बदतर बताया। किसानों ने बताया कि वर्षाकाल के बाद भी यह मार्ग गहरे गड्डों से युक्त रहने के कारण स्कूल के लोगों के साथ-साथ किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी कारण यहां अध्यापन व अन्य कार्य के लिये कोई भी आना नहीं चाहता। विद्यालय में अध्यापन व कार्यालयीन कार्य के लिये स्वीकृत 40 पदों में से मात्र 12 पद भरे हुये हैं। अध्यापन के लिये 4 अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर दिया गया है। इसके बावजूद भी 60 फीसदी से अधिक पद रिक्त होने कारण अध्ययन के साथ शारीरिक व मानसिक विकास के लिये होने वाली गतिविधियां अवरुद्ध हो गईं हैं। समुचित मार्ग न होने के कारण निर्माण सामग्री भी विद्यालय परिसर में नहीं पहुंच रही है। जिससे आवासीय व अध्ययन भवन की मरम्मत भी नहीं हो पाती है। सहज आवागमन के अभाव में विद्यालय परिसर के सभी अंदर व बाहरी किनारों पर बेहतरतीब जंगली पौधे उग आये हैं। अनेक भवनों की दीवालों पर पेड़-पौधे लिपट रहे हैं, जिससे विद्यार्थी असुरक्षित से दिखाई देते है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा विगत 3 वर्ष पूर्व मार्ग की व्यवस्था को दुरुस्त कराने की गुहार लगाई थी, लेकिन वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों द्वारा जिसे सुना ही नहीं। अनुसूचित जाति विद्यार्थियों उत्कृष्ट विकास के लिये संचालित आवासीय परियोजन को पलीता लगता दिख रहा है। करोड़ों रूपये इस आवासीय परिसर को निर्मित कर संचालित करने में शासन द्वारा व्यय किया गया है। स्थापना के बाद इसकी ओर शासन की निगाह नहीं है। वर्ष 2022 में विभाग की तात्कालीन प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन निरीक्षण के लिये आई थी। उनके द्वारा भी दिये गये मार्ग दुरस्ती के निर्देश को संबंधित अधीनस्थों द्वारा हवा में उड़ा दिया गया। आज भी वहीं स्थिति बनी हुई है।

इनका कहना है –

मार्ग को दुरस्थ करने के लिये तीन वर्ष पूर्व प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति नहीं आई है। विद्यालय में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिये अभिभावक नहीं आ रहे हैं।

श्रीमती आशा सिंह, प्राचार्य, अनुसूचित जाति ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय मुरैना

————————

विद्यालय के आवागमन हेतु मार्ग सही कराने के लिये दो वर्ष पूर्व 36 लाख रूपये का प्रस्ताव राज्य में विभाग को भेजा गया था। इसमें 2 लाख रूपये की राशि वृद्धि कर पूर्ण प्रस्ताव 38 लाख रूपये का हो गया है। राशि आवंटन की मांग निरंतर की जा रही है।

सौरभ सिंह राठौर – उपायुक्त , संभागीय अनुसूचित जाति विकास मुरैना

—————

(Udaipur Kiran) / Upendra Gotam

Most Popular

To Top