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काशी राज परिवार में बेटे और बेटियों का विवाद गहराया,राजकुमारी पहुंची हाईकोर्ट

फोटो प्रतीक

—राजकुमारी विष्णुप्रिया की याचिका पर 10 दिन में कुंवर अनंत नारायण से मांगा काउंटर

वाराणसी,30 अगस्त (Udaipur Kiran) । काशी राज परिवार के पूर्व काशी नरेश स्मृतिशेष राजा विभूति नारायण सिंह के बेटे और तीनों बेटियों में संपत्ति में अधिकार को लेकर विवाद अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। रामनगर स्थित महल के अलग-अलग हिस्सों में कब्जेदारी जमाए राजकुमारियों ने हर संपत्ति में अधिकार के लिए कोर्ट का रूख किया है।

राजकुमारी विष्णुप्रिया ने कुंवर अनंत नारायण सिंह पर मनमाने तरीके से संपत्तियों की ब्रिकी और हस्तांतरण का आरोप लगाया है। उनके अधिवक्ता ने न्यायालय में महाराज अनंत नारायण सिंह पर हिस्सा नहीं देकर सभी संपत्तियों पर उनकी कब्जेदारी की बात कही है। राजकुमारी की याचिका पर जज न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित ने कुंवर अनंत नारायण और दो अन्य राजकुमारियों से अगले 10 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही राजकुमारी विष्णु प्रिया को 10 सितंबर तक रिमांडर दाखिल करने का समय दिया। मामले की सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की गई है।

गौरतलब हो कि वाराणसी जिले के सिविल जज की अदालत में राजकुमारी विष्णुप्रिया ने अपने भाई अनंत नारायण सिंह पर खानदानी संपत्ति बेचे जाने से रोकने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इस आदेश के खिलाफ राजकुमारी विष्णुप्रिया ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता के जरिए याचिका दाखिल किया। वादिनी का तर्क है कि महाराज काशी नरेश की संपत्ति में चारों संतानों का बराबर-बराबर हिस्सा है। बेटे महाराज अनंत नारायण सिंह संपत्ति को अकेले बेचने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे में बंटवारे को लेकर लंबित वाद के निस्तारण तक संपत्ति बेचे जाने पर रोक लगाया जाना जरूरी है। महाराजा विभूति नारायण सिंह के निधन के बाद से ही उनके बेटे अनंत नारायण सिंह, बेटी विष्णुप्रिया, कृष्णप्रिया और हरिप्रिया के बीच राजपरिवार की संपत्ति को लेकर विवाद है। महाराज के वंशज डॉ. अनंत नारायण सिंह का कहना है कि पिता ने शादी के बाद तीनों बहनों के लिए बराबर हिस्सेदारी करते हुए तीनों के विवाह के बाद इनके हिस्से में बैराठ फॉर्म, कटेसर, नदेसर और बिहार के समस्तीपुर की काशीराज परिवार की संपत्तियों को बंटवारे में इन्हें दिया था।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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