Haryana

हिसार: विद्यार्थियों को नौकरी पाने के लिए नहीं नौकरी देने वाला बनने के लिए सोचना चाहिए : नरसी राम बिश्नोई

समापन समरोह का उद्घाटन करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।
समापन समारोह में विजेताओं को सम्मानित करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।

अपने आइडियाज व स्टार्ट-अप को बाजार के योग्य बनाएं विद्यार्थी

हिसार, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विद्यार्थियों को अब न केवल नौकरी पाने के लिए नहीं सोचना चाहिए, बल्कि नौकरी देने वाला बनने के लिए सोचना चाहिए। नए आइडियाज व स्टार्ट-अप विकसित करें, अपने आइडियाज व स्टार्ट-अप को बाजार के योग्य बनाएं ताकि समाज व राष्ट्र की भलाई के साथ-साथ विद्यार्थी अपना खुद का भी सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकें।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई शुक्रवार को विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सैंटर (पीडीयूआईआईसी) के सौजन्य से आयोजित तीन दिवसीय ई-समिट : ब्लेज ऑफ इनोवेशन 2024 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए समापन समारोह में कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि अध्यक्षता पीडीयूआईआईसी के निदेशक प्रो. विशाल गुलाटी ने की।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि अच्छा रोजगार पाने के लिए विद्यार्थियों को कौशलयुक्त होना होगा। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे अपने विद्यार्थियों को संबंधित कोर्स के साथ-साथ अन्य कौशल विकसित करने के लिए भी प्रेरित करें। विश्वविद्यालय में नियमित कोर्सों के साथ-साथ दूरस्थ तथा ऑनलाइन माध्यम से कई रोजगारपरक डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ किए गए हैं, जो विद्यार्थियों को रोजगार योग्य बनाने में अत्यंत उपयोगी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह ई-समिट प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी, उन्हें खुशी है कि विश्वविद्यालय में इस प्रकार के आयोजन करवाए जा रहे हैं। आगे भी इस प्रकार के आयोजन करवाए जाते रहेंगे।

कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि आज के विद्यार्थियों में रचनात्मक प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें एक मंच देने की जरूरत है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा संबंधित तकनीकों का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। इन क्षेत्रों में भविष्य में रोजगार की अपार संभावनाएं रहेंगी।

निदेशक प्रो. विशाल गुलाटी ने कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में उद्यमशीलता, नवाचार तथा स्टार्ट-अप के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आयोजित समिट में विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों की 30 टीमों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रो. सुरेश मित्तल, प्रो. संदीप आर्य, डा. सुमित सरोहा व डा. मणीश्रेष्ठ उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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