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सीबीआई ने आरजी कर के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को भ्रष्टाचार मामले में नामजद किया, गैर-जमानती धाराएं लगाईं

कोलकाता, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में नामजद किया है। यह मामला उनके कार्यकाल के दौरान की गई कथित वित्तीय गड़बड़ियों से संबंधित है।

सीबीआई की प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा सात के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो किसी लोक सेवक द्वारा अवैध रूप से लाभ स्वीकार करने से संबंधित है।

एक वरिष्ठ वकील के अनुसार, ये सभी आरोप संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। संदीप घोष के अलावा, सीबीआई ने मथ्य जरेहाट, बनिपुर, हावड़ा के एम/एस मां तारा ट्रेडर्स, बेलगछिया, कोलकाता के 4/1, एच/1, जेके घोष रोड के एम/एस ईशान कैफे और एम/एस खामा लोहा के खिलाफ भी मामले दर्ज किए हैं।

प्राथमिकी की शिकायत राज्य स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव देबल कुमार घोष ने की थी, जिसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। यह मामला राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को सौंपा गया है।

कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद यह कदम उठाया गया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा एक महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में की गई अनियमितताओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था।

आरजी कर अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली की याचिका के बाद उच्च न्यायालय ने यह आदेश जारी किया। अली ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि संदीप घोष ने वित्तीय कदाचार में शामिल होकर अनियमितताएं की थीं और इस भ्रष्टाचार का संबंध महिला डॉक्टर की हत्या से भी हो सकता है।

अली ने आरोप लगाया था कि घोष अवैध गतिविधियों में संलिप्त थे, जिनमें बिना दावे वाली लाशों की बिक्री, बायोमेडिकल कचरे की तस्करी और सप्लायर्स से कमीशन लेकर ठेके देना शामिल है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों को परीक्षा में पास होने के लिए 5 से 8 लाख रुपये तक देने के लिए मजबूर किया गया।

गौरतलब है कि संदीप घोष फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर अस्पताल के प्राचार्य थे। इसके बाद उन्हें अक्टूबर में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन एक महीने के भीतर ही उन्हें फिर से उसी पद पर बहाल कर दिया गया। महिला डॉक्टर की हत्या के बाद उन्हें आरजी कर अस्पताल से हटा दिया गया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने उन्हें तुरंत कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बहाल कर दिया।

छात्रों के विरोध और भ्रष्टाचार जांच के चलते संदीप घोष को अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेज दिया गया है। रविवार को सीबीआई ने कोलकाता स्थित संदीप घोष के बेलियाघाटा आवास पर छापा मारा। घोष को सीबीआई ने दस दिनों तक लगातार पूछताछ के लिए बुलाया और सोमवार को उन्हें बलात्कार और हत्या की जांच के संबंध में पॉलीग्राफ टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। सीबीआई ने अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ और फोरेंसिक डेमोंस्ट्रेटर देबाशीष सोम को भी भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में निजाम पैलेस कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर पाश

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