Madhya Pradesh

प्रियंका गांधी वाड्रा ने छतरपुर में बुलडोजर कार्रवाई पर उठाया सवाल, वीडी शर्मा ने किया पलटवार

– प्रियंका गांधी ने बंगाल की बेटी के जघन्य बलात्कार और हत्याकांड पर सिलेक्टिव मौन क्यों रखा? : विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के छतरपुर में कोतवाली थाने में पथराव करने वाले आरोपित के बिना अनुमति बनाए गए बंगले पर जिला प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को लेकर देशभर में राजनीति गरम है। इस कार्रवाई पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से सवाल उठाया है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त (वीडी) शर्मा ने पलटवार किया है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा छतरपुर की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शनिवार देर शाम मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की इंडी गठबंधन की ‘निर्ममता’ सरकार में हिन्दू बेटी के साथ जघन्य बलात्कार और हत्याकांड होता है और उस पर प्रियंका गांधी सेलेक्टिव मौन रखती हैं। इंडी गठबंधन की विभिन्न राज्य सरकारों में हर वर्ग और हर समाज के साथ अत्याचार होता है, तब भी प्रियंका गांधी का सेलेक्टिव मौन नहीं टूटता, लेकिन इस देश में दंगाइयों और पत्थरबाजों के खिलाफ जैसे ही कार्यवाही होती है तो उनके समर्थन में प्रियंका जैसे कांग्रेसी नेता निकल आते हैं। कांग्रेस की ऐसी क्या राजनैतिक मजबूरियां है कि अपराधियों के अवैध निर्माण को संरक्षण और क्लीनचिट देना पड़ता है?

शर्मा ने कहा कि प्रियंका गांधी याद रखें कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है, यहां सिर्फ कानून का राज चलता है। मध्यप्रदेश में तुष्टिकरण नहीं, बल्कि संतुष्टिकरण होता है। मध्यप्रदेश में अपराध और अपराधी का कोई रंग देख कार्यवाही नहीं की जाती है। शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार में अपराध करने वालों को जेल की सलाखों के भीतर पहुंचाया जाता है और उनके अवैध निर्माणों को ध्वस्त करके उनके हौसलों को भी पस्त किया जाता है।

दरअसल, प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है। लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना- यह न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है।

उन्होंने कहा कि कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं। कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है। जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का। बुल्डोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए।

(Udaipur Kiran) तोमर / प्रभात मिश्रा

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