Uttar Pradesh

विधायक ने पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रांतीय कार्यालय में तैनात तीन कर्मियो के विरुद्ध की जांच की मांग

उन्नाव, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा विधायक अनिल सिंह द्वारा लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र देकर प्रांतीय कार्यालय लखनऊ में तैनात तीन कर्मियों के विरुद्ध जांच करते हुए निलंबित किए जाने की मांग की है। साथ ही इनके व रिश्तेदारों की संपत्ति की भी जांच कराए जाने की बात पत्र में कही है।

जनपद की पुरवा विधान सभा से विधायक अनिल सिंह द्वारा शिकायती पत्र में कहा गया है कि मुख्यालय पर तैनात बिरेन्द्र यादव, वीरेन्द्र कुमार यादव एवं ओम प्रकाश पटेल, प्रधान लिपिक वर्ष 2003 से एक ही प्रकार के पटल कमशः व्यवस्थापन क (सहायक अभियन्ता) वर्ग तथा कोष/बजट-क वर्गों में तैनात रहकर मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स नीति के अन्तर्गत चलाये रहें अभियान के विपरीत निम्न कारणों से लोक निर्माण विभाग में लगातार भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को लांघते चले जा रहें है। इनको निलम्बित करते हुये इनके संगे सबंधियों की भी आय से अधिक सम्पित्ति की जाँच कराने का कष्ट करें।

इन बाबुओं द्वारा अपने चहेते अधिकारियों को मनमर्जी के अनुसार ठेकेदारों से सांठ-गांठ कराकर, मुख्यालय के अधिकारियों को मिलाकर, फील्ड में तैनाती के नाम पर ठेकेदारों से मोटी रकम अधिकारियों को पोस्ट कराकर भ्रष्टाचार कराया जा रहा है। उदाहरण स्वरूप वर्ष 2022 में अधिकारियों के ट्रांसफर देख रहें प्रमुख अभियन्ता (विकास) विभागाध्यक्ष को निलम्बित किया गया, लेकिन अधिष्ठान वर्ग में तैनात बिरेन्द्र यादव एवं वीरेन्द्र कुमार यादव द्वितीय को निलम्बित नहीं किया गया, जबकि आई०ए०एस० की जांच कमेटी में दोष सिद्ध पाये जाने पर मात्र तत्कानीन प्रमुख अभियन्ता को निलम्बित किया गया, ये दोनों आज भी इसी वर्ग में तैनात है।

ओम प्रकाश पटेल, प्रधान सहायक का कोष वर्ग से प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण किया गया था, परन्तु दोबारा भी यही बाबू कोष वर्ग में गोरखपुर से वापस ज्वाइन किया और 19 वर्ष कोष वर्ग में तैनात रहे।

अब बजट क वर्ग में तैनात होकर कार्यकारी खण्डों से पूरे बजट का 10 प्रतिशत उच्चाधिकारियों के नाम पर खुल में वसूल कर रहा है। इसकी समयावधि में कोष वर्ग के अन्तर्गत कराये गये भुगतान व समस्त वित्तीय मामलों के लेन-देन की जांच कराई जाये। विधायक अनिल सिंह द्वारा सभी बिंदुओं की जांच कराकर कार्यवाही की मांग की गई है।

(Udaipur Kiran) / अरुण कुमार दीक्षित / मोहित वर्मा

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