नई दिल्ली, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने अंधविश्वास और जादू-टोने जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए केंद्र और सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम वैज्ञानिक सोच विकसित करने का आदेश दें। समाज सुधार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने से नहीं होता, समाज के बीच काम करना पड़ता है।
वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका में इन कुरीतियों से निपटने के लिए कड़े कानून की जरूरत बताई थी। याचिका में कहा गया था कि अंधविश्वास और जादू-टोने की वजह समाज को काफी नुकसान होता है। इन कुरीतियों को रोकने के लिए फर्जी बाबाओं पर भी लगाम लगाने का दिशा-निर्देश देने की मांग की गई थी क्योंकि ये लोग भोले-भाले लोगों का शोषण करते हैं। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र और राज्य सरकारों को संविधान के अनुच्छेद 51ए के तहत वैज्ञानिक चेतना बढ़ाने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है।
याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार विशेषज्ञों की टीम गठित करे जो अंधविश्वास और जादू-टोने जैसी कुरीतियों को अपराध की श्रेणी में लाने पर विचार करे। इसके लिए भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में एक अध्याय जोड़ने की भी मांग की गई है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) पाश / सुनीत निगम