-प्रेमचंद की कहानियां आज के हालातों से मिलती-जुलती हैं
प्रयागराज, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अपने पुरा छात्र और कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया। बुधवार को हिन्दी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानियों का नाट्य पाठ हुआ। जो आज के सामाजिक हालातों से मिलती-जुलती हैं।
यह जानकारी इविवि की मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर ने दी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के तहत इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने प्रेमचंद की तीन कहानियों ‘सवा सेर गेहूँ’, ‘कुसुम’ और ‘दूध का दाम’ का नाट्य पाठ किया गया। सवा सेर गेहूँ गांव में महाजनी प्रथा में पिसते किसानों के किसानों से मजदूर और फिर बंधुआ मजदूर बनने की कहानी कहता है। वहीं कुसुम दहेज प्रथा के खिलाफ एक युवती के विरोध के बारे में है। दूध का दाम ऐसी कहानी है जो अस्पृश्यता के सामाजिक हालातों पर प्रश्नचिह्न लगाता है। तीनों कहानियां आज के भी सामाजिक हालात से मिलती जुलती है और बताती हैं कि प्रेमचंद को अपने समय और समाज पर कितनी पकड़ थी।
प्रो. कपूर ने बताया कि इन कहानियों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों गौतम, दुर्गेश, श्रेया, सौम्या, शिवम, पूजा, कीर्ति, खुशी, अर्पिता, शुभम, अभिनव, जयप्रकाश, शिवानी, दीक्षा, सानू, हर्षित, श्रेया और यश ने प्रस्तुत किया। नाट्य पाठ देखने के लिए भारी संख्या में छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रो. प्रणय कृष्ण, प्रो. शिव प्रसाद शुक्ल, डॉ जनार्दन, डॉ विजय रविदास, डॉ लक्ष्मण गुप्ता, डॉ सुजीत सिंह और डॉ अमितेश उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र / मोहित वर्मा