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मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए लोगों को करें जागरूक : उपायुक्त

जिला टास्क फोर्स की बैठक के दौरान उपायुक्त कांगड़ा।

धर्मशाला, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला कांगड़ा में मलेरिया, डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएं। इस के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ मलेरिया से बचाव के लिए रूपरेखा तैयार करने के भी निर्देश दिए गए।

डीसी कार्यालय के सभागार में बुधवार को जिला मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की टास्क फोर्स एवं वेक्टर जनित रोगों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मानसून के मौसम में वेक्टर जनित रोगों की संभावना अधिक रहती है जिसके चलते ही लोगों को जागरूक करना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मलेरिया इत्यादि रोग के लक्षण दिखने पर लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करना चाहिए।

इस अवसर पर जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा राजेश गुलेरी ने कहा कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के तहत वेक्टर जनित रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा मलेरिया, डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। भारत सरकार ने 2030 तक मलेरिया उन्मूलन को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में मलेरिया, डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवम जागरूकता के लिए जिला एक्शन प्लान तैयार किया गया है। डॉ गुलेरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जिला भर में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सीएचओ, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

मलेरिया के लक्षण

मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मलेरिया के आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं। तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, मतली या उलटी, सिरदर्द इसके लक्षण हैं। वहीं डेंगू बुखार के मुख्य लक्षण तेज बुखार, आँखों के पीछे दर्द, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी आना, तेज सिरदर्द, दस्त होना, त्वचा पर लाल चकते शरीर के किसी भाग में दाने निकलना, खून का बहना जैसे लक्षण होने पर हमें डॉक्टर से जांच कराना अत्यंत जरूरी है। डेंगू से आने वाले बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। माताओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए डेंगू घातक हो सकता है। गर्भावस्था में डेंगू होने पर गर्भ गिर सकता है तथा मां से बच्चे को भी डेंगू के खतरे हो सकते हैं। डेंगू का मच्छर दिन में ही काटता है।

कैसे करें रोकथाम

सीएमओ ने बताया कि बाहर जाते समय लंबी बाजू व हल्के रंग के कपड़े पहने। शरीर में ऑडोमास, स्प्रे, क्रीम लगाकर संक्रमण से बचा जा सकता है। अपने आसपास के स्थानों को साफ रखें। घर के बर्तनों में भरे पानी को अगले दिन खाली करें व कूलर के पानी को समय समय पर बदलें। अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें।

इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ तरूण सूद सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी शामिल रहे।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया शुक्ला

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