लखनऊ, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । 69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले के मामले को लेकर पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विधानसभा घेराव और धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। उसका मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 69 हजार शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले के आरोप को निराधार बताया, जिसको लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है।
अभ्यर्थियों का आरोप कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी ने जो टिप्पणी की है वह ठीक नहीं है क्योंकि यह मामला अभी कोर्ट में है। जब तक निर्णय नहीं आ जाता तब तक यह दावा कैसे किया जा सकता है कि भर्ती निष्पक्ष हुई है। जबकि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भर्ती में व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग नौकरी देने से वंचित करने की पुष्टि की है। वही स्वयं विभाग के अधिकारियों ने आरक्षित वर्ग की अभ्यर्थियों की एक 6800 की सूची भी जारी कर यह स्वीकार किया था कि भर्ती में नियमों का पालन नहीं हुआ है। इन सभी पीड़ित आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। इस सम्बंध में स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से मुलाकात की थी। अब मुख्यमंत्री के बयान से पीड़ित अभ्यर्थी आहत है और उनमें आक्रोश भी है।
शुरू से ही आंदोलन व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे 6800 की सूची में चयनित अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री योगी द्वारा अभ्यर्थियों को सपा का मोहरा बताए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इस भर्ती में व नियुक्ति की मांग कर रहे अभ्यर्थी किसी दल के नहीं बल्कि इस प्रदेश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में बहुत से ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े हुए हैं, लेकिन उनकी पहुंच शासन सत्ता तक नहीं थी और वह दलित पिछड़े समाज से आते हैं इसलिए उन्हें भी नौकरी से वंचित कर दिया गया।
वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव समाने था ऐसे में अभ्यर्थियों का विरोध देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने हम अभ्यर्थियों से मुलाकात की और अधिकारियों को आदेश दिया कि इस मामले का निस्तारण किया जाए और वंचित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाए। इस पर विभाग ने नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग (एससी-ओबीसी ) के 6800 अभ्यर्थियों की एक लिस्ट जारी की लेकिन नियुक्ति नहीं दी। जिस कारण हम आरक्षित वर्ग के चयनित अभ्यर्थी मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ना झेल रहे हैं।
नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के सभी अभ्यर्थी लखनऊ धरना स्थल इको गार्डन में लगातार 640 दिन तक धरना प्रदर्शन भी किया। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व अन्य राज्य एवं केंद्र के मंत्रियों के यहां जाकर ज्ञापन दिया। मामले के निस्तारण का निवेदन किया, लेकिन हमें न्याय के बदले लाठी और डंडे मिलते रहे। आंदोलन में शामिल महिलाओं को सड़कों पर घसीटा गया। पुलिस द्वारा पीटा गया। फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही। आज तक हमें न्याय नहीं मिला।
(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण / विद्याकांत मिश्र