भोपाल, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के जनजातीय बाहुल्य खरगोन जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे जनजातीय बच्चे स्मार्ट क्लासेस मतलब ई-कक्षाओं से ज्ञानार्जन कर अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। यहां ई-कक्षाओं के जरिये ऑनलाइन क्लासेस संचालित की जा रही है। इन ऑनलाइन क्लासेस में एक्सपर्ट टीचर्स बच्चों को सरल और सहज तरीके से पढ़ा रहे हैं और दुनिया में हो रहे नित नये नवाचारों की जानकारी भी दे रहे हैं। इन क्लासेस का लाभ जनजातीय कार्य विभाग द्वारा खरगोन जिले में चलाये जा रहे 64 हायर सेकेंडरी स्कूल्स में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों को मिल रहा है। विद्यार्थियों के प्रश्नों और जिज्ञासाओं के जवाब विषय विशेषज्ञों द्वारा सटीकता से लेक्चर्स के दौरान दिये जा रहे हैं।
इस संबंध में जनसंपर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने गुरुवार को बताया कि खरगोन जिले के सुदूरस्थ अंचलों के विद्यार्थियों को तो इन ऑनलाइन क्लासेस का सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है। विकसित भारत का सपना अब दूर नहीं। क्योंकि इसके लिए धरातल पर काम शुरू हो चुका ह। बच्चे देश का भविष्य हैं और कर्णधार भी। भविष्य में जिन बच्चों के हाथों में देश की बागडोर आने वाली है वे खुद जब आधुनिक माध्यमों से शिक्षित होंगे, तो अपनी भावी पीढ़ियों के लिये भी वे सुनहरे भविष्य की नींव रखेंगे। अच्छी बात है कि शुरुआत हो भी गई।
क्यूं चलाईं जा रही है ई-कक्षायें ?
जनजातीय कार्य विभाग के 64 हायर सेकण्डरी स्कूल्स को एडवांस टेक्निक जोड़ कर ई-कक्षाओं चलाई जा रही हैं। ई-कक्षाओं के जरिये विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही है। ई-कक्षाओं से शिक्षकविहीन शालाओं में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के अलावा सर्वश्रेष्ठ विषय विशेषज्ञों से लेक्चर्स दिलाकर परीक्षा के लिए उपयोगी प्रश्नों की तैयारी कराई जा रही है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सकारात्मक वातावरण निर्माण सहित विद्यार्थियों का क्षमता संवर्धन भी किया जा रहा है।
कैसे चलाईं जा रही हैं ई-कक्षायें ?
इस काम के लिए खरगोन जिले के एक्सपर्ट टीचर्स चुने गये हैं। निगरानी के लिए देवी अहिल्या उत्कृष्ट विद्यालय क्र. 01 खरगोन में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। नोडल अधिकारी एवं सहायक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं। ई-कक्षाओ में कक्षा 10वीं के गणित, अंग्रेजी, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान तथा कक्षा 12वीं के लिए गणित, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान एवं अंग्रेजी की पढ़ाई कराई जा रही है।
ईं-कक्षाओं से विद्यार्थियों को लाभ
सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों से पढ़कर विद्यार्थियों की विषयगत शंकाओं का त्वरित समाधान हो रहा है। इससे उन्हें प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी एवं उनमें चयन के अवसर भी मिलेंगे। जिन शालाओं में विषय विशेषज्ञ शिक्षक नहीं है, वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को संबंधित विषय को समझने में बेहद आसानी होगी। बोर्ड परीक्षाओं में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की बेहतर तैयारी हो पायेगी।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत / राजू विश्वकर्मा