-‘स्लम फ्री उत्तराखण्ड’ विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी
-सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी जिलाधिकारियों से की तलब
-प्रवासी श्रमिकों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश
देहरादून, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को मलिन बस्तियों का चिह्नीकरण कर 15 दिन में रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ ही जिलाधिकारियों से नगर निगमों के तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी तलब की है।
सचिवालय में शहरी विकास की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को ‘‘स्लम फ्री उत्तराखण्ड’’ विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 15 दिनों से पहले जनपदों में अवस्थित मलिन बस्तियों के श्रेणीवार चिन्हांकन कर उनकी सूची शासन को प्राथमिकता के आधार पर भेज दी जाए। इसके बाद राज्य में अवस्थित मलिन बस्तियों में निवासरत परिवारों के जीवन स्तर में सुधार,मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण, पुनरूद्धार पुनर्वास की कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने मलिन बस्तियों के सुधार के लिए विभिन्न राज्यों के मॉडल पर किए गए अध्ययन की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट भी तलब की।
मुख्य सचिव ने विशेषरूप से जनपद टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी उधमसिंह नगर और चम्पावत के जिलाधिकारियों से और समय न लेते हुए यथाशीघ्र मलिन बस्तियों की वांछित सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करते हुए प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना या राज्य में प्रचलित अन्य उपयोगी और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए मलिन बस्तियों के निवासियों का पुनर्वासन व पुनर्व्यस्थापन किया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश कुमार झा सहित अन्य अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से आयुक्त गढ़वाल और कुमाऊ व सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार कुमार सक्सैना