-हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने लगाया है यह जुर्माना
-आयोग ने डॉग के पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी करने से सम्बंधित एक शिकायत पर लिया संज्ञान
गुरुग्राम, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने नगर निगम गुरुग्राम में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने यह जुर्माना आवेदक को अधिसूचित सेवा निर्धारित समय सीमा में न देने व आवेदन को गलत तरीके से खारिज करने के कारण लगाया है।
जानकारी के अनुसार आवेदक देवेन्द्र सिंह भाटी ने 10 अप्रैल 2024 को डॉग के पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी करने से सम्बंधित शहरी स्थानीय विभाग की सेवा का लाभ लेने के लिए अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया था। इसके बाद 12 अप्रैल 2024 को उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। जब उन्होंने निगम अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें गुरुग्राम का स्थानीय पता प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। जिसके लिए उन्होंने एक किराया समझौता प्रस्तुत किया। उसके बाद उन्हें बताया गया कि उनका आवेदन पूरा हो गया है और प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। उन्हें ईमेल के माध्यम से आवेदन अस्वीकार करने की सूचना प्राप्त हुई, जिसके कारण उन्हें आयोग के समक्ष अपील दायर करनी पड़ी।
आयोग नगर निगम की इस प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं था, इसलिए आगे की जांच के लिए आयोग के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता के समक्ष सुनवाई निर्धारित की गई। आयोग ने पाया कि दोनों दस्तावेज आवेदक द्वारा आवेदन पत्र के साथ संलग्न किए गए थे। फिर भी डीओ द्वारा आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। आवेदन प्राप्त होने के दो दिनों के भीतर इसे सीधे खारिज करने के बजाय डीओ द्वारा आवेदन वापस कर देना चाहिए था। इसके अलावा एफजीआरए ने पहली अपील पर विचार नहीं किया। एसजीआरए द्वारा की गई कार्रवाई भी अविश्वसनीय थी। क्योंकि उन्होंने यह सत्यापित किए बिना दूसरी अपील को भी खारिज कर दिया कि प्रमाण पत्र जारी किया गया था या नहीं।
आयोग ने इस मामले में नगर निगम गुरुग्राम में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष सिंगला को अधिसूचित अवधि के भीतर सेवा प्रदान न करने का दोषी पाते हुए आयोग ने 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने आयुक्त नगर निगम गुरुग्राम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि नगर निगम गुरुग्राम में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष सिंगला के जुलाई, 2024 के वेतन से 5 हजार रुपये की राशि काट कर राज्य खजाने में जमा करवाकर रसीद सहित आयोग को सूचित किया जाए।
(Udaipur Kiran) हरियाणा / SANJEEV SHARMA