
इस्लामाबाद, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्वात के मंगलौर इलाके में सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की सूझबूझ से 936 विद्यार्थियों को बाढ़ से सकुशल बचा लिया गया। बच्चों को उनके घर भेजने के बाद विद्यालय जलमग्न हो गया और उसकी दीवारें व कक्षाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।
जियो न्यूज के अनुसार, प्रधानाध्यापक सईद अहमद ने कहा कि जिस सुबह बाढ़ आई, उन्होंने पास की एक नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ता देखा। उन्होंने बिना एक पल गंवाए शिक्षकों को बच्चों को तुरंत घर भेजने का आदेश दिया। कुछ ही मिनटों बाद बाढ़ का पानी स्कूल में घुस गया। बाढ़ इतनी भीषण थी कि देखते-देखते चारदीवारी गिर गई। कक्षाएं और कार्यालय पानी में डूब गए। मात्र पांच मिनट में पूरा स्कूल जलमग्न हो गया। अहमद ने कहा कि तब तक 936 विद्यार्थियों में से सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। एक भी जान नहीं गई। अहमद ने सरकार से स्कूल का पुनर्निर्माण कराने की अपील की ताकि बच्चे स्कूल आना शुरू कर सकें।
इस बीच राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल इनाम हैदर ने कहा कि इस साल के मानसून की तीव्रता पिछले साल की तुलना में लगभग 50 से 60 फीसद अधिक है। सितंबर के पहले हफ्ते में मानसून के फिर आने की उम्मीद है। ग्रीष्मकालीन मानसून की शुरुआत से ही पाकिस्तान में हुई मूसलाधार बारिश ने 650 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 920 से ज्यादा घायल हुए हैं। इससे पहले 2022 में मानसून की बाढ़ ने मुल्क के एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर दिया था और लगभग 1,700 लोगों की जान गई थी।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
