Uttrakhand

वर्चुअल क्लास नेटवर्क से जुड़ें उत्तराखंड के 840 विद्यालय, मुख्यमंत्री बोले- वर्चुअल प्लेटफॉर्म से खुल रहे हैं संभावनाओं के द्वार

वर्चुअल एवं स्मार्ट कक्षाओं के केन्द्रीयकृत स्टूडियो का मुख्यमंत्री  शुभारंभ करते।

देहरादून, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजकीय राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा उत्तराखंड की ओर से विद्यालयी शिक्षा में आईसीटी योजना के अंतर्गत संचालित 840 वर्चुअल और स्मार्ट कक्षाओं के केन्द्रीयकृत स्टूडियों का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल तकनीक, वर्चुअल प्लेटफॉर्म और स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से अनेक संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की इस ऐतिहासिक पहल के हम सभी साक्षी बन रहे हैं, जिससे प्रदेश के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा। इन नवाचारों के माध्यम से पाठ्यक्रम अधिक रोचक और सरल बन रहा है और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थी भी विशेषज्ञों और शिक्षकों से सीधे संवाद कर पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में स्थापित किया गया है और 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। अब विद्यार्थी ‘उत्तराखंड वर्चुअल लर्निंग एप्लीकेशन’ के माध्यम से घर बैठे आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इसके माध्यम से बच्चे स्वयं अपना मूल्यांकन भी कर सकेंगे। इस ऐप के जरिए विद्यार्थियों को देश और राज्य के जाने-माने शिक्षकों से सीखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचाने के लिए 5-पीएम ई-विद्या चैनल भी संचालित कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में कक्षा 6 से 12 तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है। राज्य के प्रत्येक विकासखंड के 10वीं एवं 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजा जा रहा है। राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में 8 ट्रेडों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गई है, जिससे 42 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य में पहली बार 12वीं के व्यावसायिक छात्रों के लिए रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से 146 विद्यार्थियों का चयन प्रतिष्ठित कंपनियों में हुआ है। इस पहल की सराहना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां बुनियादी शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा तैयार की गई है। विद्यालयों में ‘बस्ता रहित दिवस’ को शामिल किया गया है। सरकार की ओर से स्थानीय भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषाओं में पुस्तकें तैयार की गई हैं। थारू, बोक्सा और रवांल्टी भाषाओं में शब्दकोश भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘हमारी विरासत’ पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भारत की संस्कृति, लोक परंपरा और महान विभूतियों के बारे में अवगत कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। आईसीटी योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षण संसाधनों और वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। उत्तराखंड राज्य ने देश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की। इसके अंतर्गत वर्ष 2022 में ‘बाल वाटिका’ की शुरुआत की गई है। राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को निःशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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