
बनगांव, 09 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
बनगांव नगर पालिका के वार्ड संख्या छह के दिनबंधु नगर में एक घटना घटी, जहां 81 वर्षीय नारायण सरकार ईछामती नदी में डूबकर चल बसे। वह अपने पिता की यादों से जुड़ी लकड़ी की नाव को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा बैठे।
परिवार के अनुसार, नारायण सरकार के पिता के पास दो नावें थीं। अम्फान चक्रवात के दौरान एक नाव ईछामती में बह गई थी, जिसके बाद दूसरी नाव को वह अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देते थे। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे उसकी देखभाल करते और कभी-कभी उसी नाव से मछली पकड़ने जाते थे।
हाल ही में हुई लगातार बारिश से ईछामती का जलस्तर बढ़ गया था और उनके घर के आसपास भी पानी भर गया था। शनिवार को नारायण सरकार लाठी के सहारे पानी पार कर दीनबंधु नगर निमाई घाट पहुंचे, जहां नाव बंधी थी। उन्होंने देखा कि पानी बढ़ने से नाव डूबने लगी है। उसे बचाने के लिए वह नदी में उतर गए, लेकिन गहराई और तेज धारा के कारण डूब गए। उस समय घाट पर उनकी मदद के लिए कोई मौजूद नहीं था।
नारायण को तैरना आता था, लेकिन उम्र के कारण वह धारा से संघर्ष नहीं कर सके। जब वह लंबे समय तक घर नहीं लौटे तो परिवार ने तलाश शुरू की। निमाई घाट पर उनकी चप्पल और लुंगी मिली। बाद में स्थानीय लोगों की मदद से उनकी खोज शुरू हुई और कुछ समय बाद उनका शव बरामद हुआ। बनगांव महकमा अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
नारायण सरकार एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे और अपने पिता से विरासत में मिली उस नाव से उन्हें गहरा लगाव था। उनकी असमय मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
