RAJASTHAN

कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में 800 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां

कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा के 7वें दीक्षांत समारोह में 800 से अधिक को स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां वितरित
कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा के 7वें दीक्षांत समारोह में 800 को स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां वितरित
कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा के 7वें दीक्षांत समारोह में 800 से अधिक डिग्रियां वितरित

कोटा, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा के 7वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को 27 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण व 22 को रजत पदक एवं 800 से अधिक को स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां वितरित की गई। समारोह में देशभर से आए स्कॉलर्स को 80 पीएचडी उपाधियां प्रदान की गई ।

सीपीयू सभागार में आयोजित भव्य समारोह में चांसलर प्रमोद माहेश्वरी, कॅरियर पॉइंट के निदेशक शैलेन्द्र माहेश्वरी, कुलपति प्रो. एमके गुप्ता, संकायाध्यक्ष, अधिष्ठाता और आईक्यूएसी निदेशक प्रो. (डॉ.) कमल अरोड़ा एवं अन्य गणमान्य अतिथि एवं फैकल्टी सदस्यों सहित ड्रेस कोड में छात्र-छात्राएँ एवं उनके अभिभावक शामिल हुए। समारोह के मुख्य अतिथि कॅरियर पॉइंट विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य एवं प्रथम कुलपति कर्नल डॉ मिथिलेश दीक्षित रहे।

सीपीयू के चांसलर प्रमोद माहेश्वरी ने कहा कि यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले 80 प्रतिशत योग्य विद्यार्थियों को कैंपस में आईटी, फार्मा, एग्रीकल्चर, कॉर्पोरेट कंपनियों, बिजनेस और टेक कंपनियों द्वारा अच्छा जॉब ऑफर दिया जा रहा है। शेष 20 प्रतिशत विद्यार्थी उच्च शिक्षा या स्टार्टअप में जाने का निर्णय ले रहे हैं। सीपीयू के प्लेसमेंट मे 18 लाख का उच्चतम पैकेज और 4.5 लाख का एवरेज पैकेज प्रमुख कंपनियों द्वारा ऑफर किया गया है। विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थी सरकारी परीक्षाओं में भी चयनित हुए हैं।

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में सीपीयू स्कॉलर्स के 50 से ज्यादा शोध पेपर प्रकाशित हुए। विश्वविद्यालय के 50 से ज्यादा पुस्तके और 1000 से भी ज्यादा पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए गए। इसके अलावा 80 से ज्यादा यूटिलिटी एवं डिजाइन पेटेंट विवि ने अपने नाम किए हैं।

टिकी-टका तकनीक से जीवन मे सफलता प्राप्त करें- प्रमोद माहेश्वरी

चांसलर प्रमोद माहेश्वरी ने जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए टिकि-टका तकनीक अपनाने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि फुटबॉल में टिकि-टका स्टाइल मे खिलाड़ी छोटी पासिंग, बॉल को अपने कब्जे मे रखते हुए 89 मिनट तक निरंतर गति, धैर्य और सटीकता से पूरे खेल को अपने नियंत्रण मे रखतते हुये गोल करने में सफल हो जाते हैं, उसी तरह हमे भी कॅरिअर में छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर निरंतर प्रयासो और धैेर्य के साथ सफलता की ओर देखना चाहिये।

उन्होने कहा कि विद्यार्थी चार तरह की बैलेन्स शीट को संतुलित रखें। पहली वित्तीय बैलेन्स शीट जो हमें आर्थिक मजबूती देती है। दूसरा, अपनी क्षमताओ की बैलेन्स शीट का ध्यान रखें। तीसरा, समाज व परिवार मे अपनी साख या विश्वसनीयता की बैलेन्स शीट मजबूत करें। चौथा, हमारी विश्वसनीयता तभी बनेगी जब हमारे व्यक्तिगत संबंध लोगों से बेहतर होंगे।

सिर्फ डिग्री से नहीं, जॉब से मिलते हैं लाइफ स्किल- कर्नल दीक्षित

मुख्य अतिथि कर्नल डॉ मिथिलेश दीक्षित ने कहा कि डिग्री किसी विद्यार्थी को जॉब की पात्रता देती है लेकिन उसे सही लाइफ स्किल्स जॉब में ही मिलते हैं। आने वाले समय मे कोई इंजीनियर अपने नवाचार से जीवन स्तर को ऊपर ले जाएगा, तो कोई कृषि वैज्ञानिक अपनी रिसर्च से दूर गाँव मे बैठे किसान का जीवन सुधारेगा। उन्होने चीन मे अपने अनुभवो को साझा करते हुए बताया कि चीन की तरक्की उनकी सरकार या सेना के कारण न होकर वहां के लोगों के कठिन परिश्रम और जज्बे के कारण हुई है। जब भी कोई आपकी सफलता की राह मंे दीवार खड़ी करे तो अपनी क्षमता और आत्मविश्वास के साथ उस दीवार को हटा दें। हमेशा खुद पर विश्वास रखो, जीत निश्चय ही तुम्हारी होगी।

आगे बढ़ो और नेतृत्व करो- कुलपति

कुलपति प्रो.एम के गुप्ता ने कहा कि स्नातक होना असीमित अवसरों की दुनिया में कदम रखने जैसा है। आप नवाचार और परिवर्तन की दिशा में नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। अपनी उत्कृष्टता, ईमानदारी और नवाचार की विरासत को आगे बढ़ाएं। अंत में आईक्यूएसी निदेशक डॉ. कमल अरोड़ा ने अतिथियों का आभार जताया।

डॉ. आशीष शर्मा ने 53 वर्ष की उम्र में पीएचडी उपाधि ली

कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी कोटा के दीक्षांत समारोह में मुंबई की प्रमुख ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट कंपनी में जनरल मैनेजर आशीष शर्मा ने 53 वर्ष की उम्र में पीएचडी उपाधि ग्रहण की। उन्होने बताया कि मैंने एच आर में एमबीए करने के बाद सोचा कि जॉब के बाद नई जनरेशन को कुछ रिटर्न दूं। इसके लिए मैने 2019 में सीपीयू से पीएचडी के लिए पंजीयन करवाया। मेरा बेटा एमबीए फाइनल ईयर में है। मेरे लिए वो प्रेरणा का स्त्रोत है और मैं उसके लिए मोटीवेटर हूं। कॅरियर में लर्निंग के लिए कोई उम्र नहीं होती है। हमें जॉब के लिए इंटरव्यू लेते समय महसूस होता है कि आज नई जनरेशन में स्किल्स की कुछ कमी है। उसे दूर करना है। मैं आईआइएम स्टूडेंट को लेक्चर देने जाता हूं। इस उम्र में शोध उपाधि लेकर खुद से बहुत संतुष्ट हूं। सीपीयू में शोध के लिए गाइड बहुत अच्छे हैं। मुझे कोटा में आकर पीएचडी उपाधि लेने पर गर्व महसूस हुआ।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द