नाहन, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।आजादी को 78 साल बीत गए, लेकिन सिंगरो खंड को पांवटा और शिलाई विधानसभा क्षेत्र से जोड़ने वाली सड़क आज भी पुल विहीन है। यह सड़क दर्जनों गांवों की जीवनरेखा है, लेकिन पुल न होने से लोगों को रोजाना भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
बरसात के दिनों में खड़ विकराल रूप ले लेता है, जिसके चलते लोगों का आना-जाना लगभग असंभव हो जाता है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर अध्यापक, बुजुर्ग और महिलाएं तक रोज इस संकट से गुजरते हैं। कई बार बरसात में बच्चों के स्कूल तक बंद हो जाते हैं।स्थानीय लोग बताते हैं कि पुल बनाने की मांग वर्षों से उठती रही है। चाहे स्थानीय प्रशासन हो, नेता हों या फिर मुख्यमंत्री—हर स्तर पर केवल आश्वासन ही मिले, लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस बनी हुई है।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यह सड़क दो बड़े नेताओं की विधानसभाओं—पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी (पांवटा साहिब) और वर्तमान मंत्री हर्षवर्धन चौहान (शिलाई)—को जोड़ती है। बावजूद इसके, दशकों से पुल का निर्माण अब तक नहीं हो पाया।
विनोद कुमार स्थानीय निवासी ने बताया कि पुल न होना यहां के लोगों के लिए आफत है। बच्चे रोजाना जोखिम उठाकर स्कूल जाते हैं, बुजुर्ग और महिलाएं परेशान होते हैं। बरसात में तो हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि लोगों का जीवन ठप पड़ जाता है
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
