
औरैया, 26 जून (Udaipur Kiran) । मानसून समय से पहले आने से उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भारी बारिश के चलते नदी पर बने कोटा बैराज का भी जलस्तर तेजी से बढ़ा। कोटा बैराज से 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से चम्बल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी। साथ ही चम्बल में बढ़े जल स्तर से यमुना नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है जिससे किनारे पर बसे लाेगों की चिंताएं भी बढ़ने लगी है।
बताते चले पिछले 30 घंटे में चम्बल नदी के जलस्तर में आठ से नौ मीटर की बढ़ोत्तरी हुई है तो वहीं यमुना नदी में 3 से लेकर 4 मीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। गुरुवार को दोपहर बाद तक चम्बल का जलस्तर 113.57 मीटर पर पहुंच गया था। कोटा बैराज से बीते शनिवार को पांच-पांच फीट के दो दरवाजे खोलकर 56 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया था। इसके चलते बुधवार को चम्बल का जलस्तर 105.14 से बढ़कर दोपहर बाद तक 113.57 मीटर हो गया। हालांकि चेतावनी का निशान 119.80 मीटर और खतरे का निशान 120.80 मीटर है। चम्बल के उफनाते ही यमुना नदी के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई। बाढ़ की आशंका से प्रशासन ने भी नदी के किनारे स्थित गांवों में निगरानी बढ़ा दी है।
– यमुना का जलस्तर बढ़ने से अजीतमल क्षेत्र के गांवों पर बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट
कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद इटावा में चम्बल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान के कोटा से निकली चम्बल नदी इटावा के भरेह में यमुना नदी में मिलती है। चम्बल में पानी बढ़ने से यमुना नदी भी उफान पर आ रही है। तहसील प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है। साथ ही लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने राहत चौकी की स्थापना की है। क्षेत्र के बडेरा, सिकरोड़ी, गोहानी कला, गोहानी खुर्द, असेबटा, ततारपुर कलां, गूंज, जुहीखा, बीजलपुर और खेरा डंडा आदि गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं।
इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी निखिल राजपूत ने बताया कि चम्बल में पानी बढ़ने से यमुना का जलस्तर कुछ बढ़ा है। यमुना के किनारे बसे गॉव के लोगों को सतर्क रहने तथा तहसील के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को क्षेत्र में नजर बनाये रखने के आदेश दिये गये हैं।
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(Udaipur Kiran) कुमार
