
शिमला, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । हाल ही में प्रदेश में हुई भारी बारिश से हजारों जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुईं, लेकिन जल शक्ति विभाग ने तेजी और मेहनत से काम करते हुए इनमें से 95 प्रतिशत योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विपरीत हालात में भी कड़ी मेहनत और लगन का परिचय दिया है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में कुल 10,067 जलापूर्ति योजनाएं हैं, जिनमें 3210 लिफ्ट योजनाएं, 335 ट्यूबवेल और 6522 ग्रेविटी आधारित योजनाएं शामिल हैं। भारी बारिश के कारण इनमें से 5805 योजनाएं प्रभावित हुई थीं। लेकिन जल शक्ति विभाग ने बिना देर किए 5440 योजनाओं को फिर से शुरू कर आम जनता को राहत पहुंचाई। इससे साफ है कि विभाग ने लगभग 95 फीसदी योजनाएं फिर से चालू कर दी हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के कर्मचारी दिन-रात फील्ड में रहकर पानी की आपूर्ति बहाल करने में जुटे हुए हैं। प्रदेश सरकार भी इस काम के लिए उन्हें हर तरह का सहयोग दे रही है।
उन्होंने कहा कि बारिश से जलापूर्ति योजनाओं को करीब 434.47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा 1293 सिंचाई योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिनकी अनुमानित क्षति 101.67 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसी तरह, 43 बाढ़ सुरक्षा कार्यों को 19.77 करोड़ रुपये, 83 सीवरेज योजनाओं को 23.55 करोड़ रुपये और 319 हैंडपंपों को 81.52 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर प्रदेश में 7543 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनकी कुल अनुमानित क्षति 580.30 करोड़ रुपये है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति और सीवरेज योजनाओं को बहाल करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो और सभी योजनाओं को जल्द ही स्थायी रूप से चालू किया जाए, ताकि आम लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
