
सुकमा/रायपुर, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ महिला आयोग की सदस्य दीपिका सोरी ने मंगलवार को बस्तर संभाग के सुकमा में आयोजित एक प्रेसवार्ता में जानकारी दी है कि सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में कई बालिग और नाबालिग लड़कियां लापता हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार सुकमा में 14, दंतेवाड़ा में 35 और बीजापुर में 5 लड़कियां अभी भी गायब हैं।
दीपिका सोरी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में बस्तर संभाग से लगातार लड़कियां गायब हो रही हैं, लेकिन इनकी कोई रिकॉर्डिंग पुलिस सिस्टम में नहीं है, जो एक बड़ा चिंता का विषय है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि तीन महीने पहले एक लड़की लापता हुई थी, जो बाद में राजस्थान में कोर्ट मैरिज कर चुकी थी, ऐसे में उसे वापस लाना मुश्किल हो गया।
दीपिका शोरी ने पत्रकारों को जानकारी दी कि बस्तर संभाग में पिछले 5 वर्षों में लगातार आदिवासी नाबालिक युवतियां एवं महिलायें लापता हो रही हैं जो काफी गंभीर मामला है। सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कि उन्होंने बताया कि मानव तस्करी, देह व्यापार, जैसे माकड़ जाल में लापता महिलाओं के धकेलना का काम भी हो सकता है, इसीलिए सतर्क रहने की बहुत जरूरत है। लेकिन पुलिस की मदद से अधिकांश महिलाओं को ढूंढ निकाला गया है, जबकि पिछले पांच वर्षों में सुकमा जिले में 84 नाबालिक युवतियां लापता हुई थी। जिसमें से 82 को ढूंढ निकाला और अभी भी 2 लापता है। इसके अलावा बालिक महिलाएं की लापता होने की संख्या 132 है जिसमें 120 महिलाओं को ढूंढ निकाला गया एवं 12 महिलाएं अभी भी लापता है, जबकि दंतेवाड़ा जिले में 2021 से 2025 तक 35 बालिक एवं दो नाबालिक युवतियां लापता हैं। बीजापुर जिले में इन 5 वर्षों में पांच महिलाएं लापता हुए हैं। लापता महिलाओं को पुलिस भी ढूंढने में लगी हुई है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए सबसे अधिक नाबालिक युवतियां सैकड़ो किमी दूर बैठे किसी अनजाने व्यक्ति से दोस्ती कर लेते हैं। नाबालिक युवतियां दोस्ती और प्रेम प्रसंग के नाम पर उन्हें फंस लिया जाता है।जिसके बाद यह सामने वाले व्यक्तियों के इशारे पर अपने अपने माता-पिता और घर परिवार को बिना बताए गायब हो जाते हैं। यह एक प्लानिंग और सुनियोजित तरीके से नाबालिक युवतियां ट्रैप में फंसाया जा रहा है, जबकि अगर कोई युवती इस तरह से फंस जाती है तो उसके साथ कुछ भी होता है, उसकी जानकारी किसी को नहीं लगती है, इसीलिए उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया में दोस्ती एवं बातचीत करने से बचे। अगर आप समय रहते अपने आप को नहीं संभले तो आप किसी बड़ी मुसीबत में फंसना तय हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है जो चिंता का विषय है।
दीपिका शोरी ने कहा कि मुझे लगता था कि बस्तर संभाग में मानव तस्करी जैसी घटनाएं नहीं होती है, लेकिन लगातार नाबालिक युवतियां और महिलाओं के लापता होने जो आंकड़े सामने आए हैं, जो चौंकाने वाले आंकड़े हैं इससे मानव तस्करी की और इशारा करता है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नाबालिक युवतियां सोशल मीडिया में अधिकांश समय बिताती है, ऐसे में उनका आसानी से शिकार हो जाती है। इसलिए माता-पिता को भी अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे, ताकि इस तरह की घटना का शिकार ना हो सके।
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा
